Parliament Session: विपक्ष के भारी हंगामे के बीच संसद में बड़ी बैठक, कई केंद्रीय मंत्री शामिल; धनखड़ के इस्तीफे पर सियासी उफान

संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है, और इसकी शुरुआत के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संसद परिसर स्थित उनके कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, किरण रिजिजू, अर्जुन मेघवाल और वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान जैसे दिग्गज नेता शामिल हुए।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 22 July 2025, 10:50 AM IST
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New Delhi: संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है, और इसकी शुरुआत के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संसद परिसर स्थित उनके कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, किरण रिजिजू, अर्जुन मेघवाल और वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान जैसे दिग्गज नेता शामिल हुए। संसद के मॉनसून सत्र का आज दूसरा दिन है। कल की तरह आज भी सत्र के दौरान विपक्ष ने भारी हंगामा किया।

सूत्रों के अनुसार,  हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए विपक्षी सांसदों ने सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की। हालाँकि, हंगामा बढ़ता देख कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। लेकिन जब इसके बाद भी हंगामा नहीं थमा तो सत्र की कार्यवाही मंगलवार सुबह 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सत्र की शुरुआत: "विजयोत्सव" का प्रतीक

सत्र आरंभ से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “यह मानसून सत्र देश के लिए विजयोत्सव जैसा है। हमारे संविधान की जीत हो रही है, बम और बंदूक नहीं।”प्रधानमंत्री ने नक्सलवाद पर निर्णायक कार्यवाही, सुरक्षा बलों की सफलताओं और विपक्ष समेत सभी दलों के सकारात्मक योगदान का उल्लेख करते हुए सत्र को राष्ट्रहित की भावना से ओत-प्रोत बताया।

ऑपरेशन सिंदूर: 22 मिनट में आतंकवाद का सफाया

PM मोदी ने हाल ही में किए गए "ऑपरेशन सिंदूर" का उल्लेख करते हुए बताया कि, “हमारे सुरक्षाबलों ने केवल 22 मिनट में आतंकियों का सफाया कर दिया और उनके अड्डों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति को देखा है।” प्रधानमंत्री ने इस ऑपरेशन को ‘देश की रक्षा नीति और सुरक्षा तंत्र की निर्णायक क्षमता’ का प्रतीक बताया।

 “देशहित में मन जरूर मिलें”

प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया कि भले ही उनके एजेंडे और मत अलग-अलग हों, लेकिन  देशहित में ‘मन’ अवश्य मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एकजुट होकर भारत का पक्ष रखते हैं, तो उससे देश की प्रतिष्ठा बढ़ती है। “मैं उन बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों की सराहना करता हूं जिन्होंने विदेशों में जाकर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर बेनकाब किया। यह हमारी लोकतांत्रिक एकता का परिचायक है।”

नक्सलवाद की समाप्ति की ओर निर्णायक कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि देश अब नक्सलवाद से मुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है: “कल तक जो क्षेत्र  रेड कॉरिडोर माने जाते थे, वे आज  ग्रोथ जोन में तब्दील हो रहे हैं। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है और हमारे कई जिले अब  नक्सलमुक्त घोषित हो चुके हैं।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह बदलाव देश में  संविधान की विजय का प्रमाण है।

"मेड इन इंडिया" रक्षा क्षमताओं को मिलेगा बल

PM मोदी ने यह भी कहा कि मानसून सत्र में सांसदों को चाहिए कि वे  "मेड इन इंडिया" रक्षा उत्पादों, सेना की आत्मनिर्भरता और राष्ट्र की सुरक्षा नीति को मजबूती देने के लिए एकजुट होकर अपनी भूमिका निभाएं। “इस सत्र में हम सबको एकता, आत्मनिर्भरता और विजय की भावना से प्रेरित होकर राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में योगदान देना चाहिए।”

संसद का यह मानसून सत्र केवल विधायी कार्यों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह  राष्ट्र की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता, और  संवैधानिक मूल्यों की विजय का प्रतीक बनकर उभर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई यह अहम बैठक बताती है कि सरकार रणनीतिक दृष्टि से हर मोर्चे पर तैयार है  चाहे वो आतंकवाद हो, नक्सलवाद या वैश्विक मंचों पर भारत की साखअब पूरा देश इस बात पर निगाहें टिकाए है कि मानसून सत्र में कैसे संसद देशहित में एकजुट होकर फैसले लेती है

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