

इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बदला लेने के विकल्पों पर गहन चर्चा की गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रक्षा मंत्रालय
नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय में तीन घंटे तक एक हाईलेवल बैठक चली। जिसमें भारतीय सेना के तीनों प्रमुख (भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना) शामिल रहे। यह बैठक रक्षा मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के नेतृत्व में हुई। जिसमें देश की सुरक्षा के कई पहलुओं पर विचार किया गया और यह तय किया गया कि आतंकवादी हमले के खिलाफ सख्त प्रतिक्रिया दी जाए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बैठक के दौरान कई सैन्य रणनीतियों पर विचार किया गया। जिससे पाकिस्तान से जुड़ी आतंकवादी गतिविधियों का समुचित और प्रभावी तरीके से जवाब दिया जा सके। मीटिंग में यह भी चर्चा की गई कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ क्या सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। जिससे भविष्य में ऐसे हमले न हों। इन विचारों और विकल्पों को अब कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अगली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखी जाएगी योजना
इस बैठक में तैयार किए गए विकल्पों को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में होने वाली CCS मीटिंग में पेश किया जाएगा। CCS बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य कार्रवाइयों और आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक कदमों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी इस मीटिंग में रक्षा मंत्रालय और तीनों सेना प्रमुखों से प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करेंगे। भारत सरकार की तरफ से कड़ा कदम उठाने की दिशा में कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
भारत का संकल्प: आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई
यह बैठक इस बात का संकेत है कि भारत सरकार और सेना आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। देश की सुरक्षा में कोई भी कमी न रहने की स्थिति में भारतीय सेना और सरकार पूरी प्रतिबद्धता से आतंकवाद के खिलाफ जवाब देने के लिए संकल्पित हैं। बैठक में यह भी तय किया गया कि हमले के दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
आतंकी हमले का देशभर में गहरा असर
इस मीटिंग में जो निर्णय लिए गए हैं, वह पहलगाम आतंकी हमले के शिकार हुए निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों के परिवारों के लिए न्याय दिलाने के लिए उठाए गए कदम हैं। देशभर में इस हमले का गहरा असर देखा जा रहा है। लोग सरकार और सेना से उम्मीद कर रहे हैं कि इस हमले के दोषियों को कठोर सजा दी जाए।