Pahalgam Terror Attack: पीएम आवास पर हुई हाई लेवल मीटिंग, PM ने सेना को दी खुली छूट

पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक जारी हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 29 April 2025, 7:59 PM IST
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नई दिल्ली: भारत पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन मोड में है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई।

तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद

मीटिंग पीएम आवास में चली। मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी मौजूद थे।

आतंकियों के खिलाफ रणनीति

उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन और भविष्य की रणनीति तैयार हुई। पीएम मोदी ने पहले ही आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

पीएम मोदी ने क्या कहा

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर करारा प्रहार करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। उन्होंने देश के सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों को कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी छूट दी गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा है कि हमले के जिम्मेदार आतंकियों और उनके आकाओं को धरती के आखिरी कोने तक भी खोजकर सबसे सख्त सजा दी जाएगी। उनका इशारा पाकिस्तान की ओर था, क्योंकि पाकिस्तान का भारत में आतंकवाद फैलाने का इतिहास रहा है। इससे पहले सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से उनके आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात की। यह बैठक उस दिन हुई, जब सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने राजनाथ सिंह को पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिए गए कुछ फैसलों की जानकारी दी।

केंद्र सरकार को मिला विपक्षी दलों का समर्थन

पहलगाम हमले के बाद सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। इसमें विपक्षी दलों ने आतंकियों के खिलाफ सरकार किसी भी कार्रवाई को पूरा समर्थन देने की बात कही।

सीमा पार आतंकवादी हमले के तार

हमले के अगले दिन कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) की बैठक भी हुई थी। इस बैठक में बताया गया कि इस आतंकी हमले के तार सीमा पार से जुड़े हुए हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब जम्मू-कश्मीर में चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं और राज्य धीरे-धीरे आर्थिक प्रगति की ओर बढ़ रहा है।

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