National Herald Case: सोनिया-राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें, पढ़ें पूरा मामला

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी सहित कई नेताओं व कंपनियों के खिलाफ नई FIR दर्ज की है। FIR में 2,000 करोड़ की संपत्ति वाली AJL को कथित रूप से धोखाधड़ी से हासिल करने का आरोप है। यह कार्रवाई ईडी की शिकायत पर हुई है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 30 November 2025, 7:46 AM IST
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New Delhi: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े हाई-प्रोफाइल मामले में कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व पर नई कानूनी चुनौती खड़ी कर दी है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित कुल आठ व्यक्तियों और तीन व्यावसायिक संस्थानों के खिलाफ ताजा FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति रखने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत हासिल किया गया।

कब दर्ज की गई थी FIR

यह FIR 3 अक्टूबर को दर्ज की गई थी, लेकिन इसकी जानकारी अब सार्वजनिक हुई है। FIR का आधार ईडी की मुख्यालय जांच इकाई (HIU) द्वारा दाखिल की गई विस्तृत शिकायत को बताया जा रहा है, जो PMLA की धारा 66(2) के अंतर्गत दर्ज की गई थी। इस प्रावधान के तहत ईडी किसी अन्य जांच एजेंसी को अपराध की जांच शुरू करने और FIR दर्ज करने की अनुमति दे सकती है।

एफआईआफ में क्या?

FIR में दावा किया गया है कि यंग इंडियन नामक कंपनी के माध्यम से AJL का अधिग्रहण धोखाधड़ी से किया गया। इस कंपनी में गांधी परिवार की लगभग 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बताई जाती है। इसके अलावा कोलकाता की कथित 'शेल कंपनी' Dotex Merchandise Pvt. Ltd. पर भी संदेह जताया गया है। आरोप है कि इस कंपनी ने यंग इंडियन को एक करोड़ रुपये उपलब्ध कराए, जिसमें से 50 लाख रुपये कांग्रेस को भुगतान करके AJL के अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई।

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राहुल-सोनिया समेत इनका भी नाम दर्ज

FIR में सोनिया और राहुल गांधी के अतिरिक्त सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और सुनील भंडारी जैसे नाम शामिल हैं। वहीं AJL, Young Indian और Dotex Merchandise Pvt. Ltd. को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी पहले ही 9 अप्रैल को इस मामले में आरोपपत्र दायर कर चुकी है, जो राउज एवेन्यू कोर्ट में लंबित है। विशेष सांसदों/विधायकों की अदालत अब 16 दिसंबर को चार्जशीट पर संज्ञान लेने का निर्णय सुना सकती है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अब जांच का दायरा AJL के शेयरधारकों तक पहुंच सकता है। उनके समन जारी किए जा सकते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कांग्रेस ने कंपनी को Young Indian में स्थानांतरित करने से पहले उनसे कोई परामर्श या मंजूरी ली थी या नहीं। यह पहल जांच एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह अधिग्रहण प्रक्रिया की वैधता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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पार्टी ने मामले को बताया राजनीतिक प्रतिशोध

कांग्रेस पार्टी लगातार इस पूरे मामले को राजनीतिक प्रतिशोध बताती रही है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कई मौकों पर कहा है कि सरकार एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है। दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई इस नई FIR के संबंध में जब मीडिया ने कांग्रेस से संपर्क किया तो पार्टी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

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  • 30 November 2025, 7:46 AM IST