असम के तिनसुकिया में गरजा मोरान समुदाय, PM मोदी के दौरे से पहले हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असम दौरे से पहले तिनसुकिया जिले में मोरान समुदाय ने अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। मोरान छात्र संघ के नेतृत्व में आयोजित इस शांतिपूर्ण रैली में 20,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 11 September 2025, 2:43 PM IST
google-preferred

Guwahati: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित असम दौरे से पहले राज्य के तिनसुकिया जिले में बुधवार को एक बड़ा और प्रभावशाली विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। यह प्रदर्शन मोरान समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर किया गया। रैली में करीब 20,000 से अधिक लोगों की भागीदारी दर्ज की गई, जिससे पूरे क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

शांतिपूर्ण की गई रैली

यह जनआंदोलन मोरान छात्र संघ (Moran Students' Union) द्वारा आयोजित किया गया था, जिसकी शुरुआत तिनसुकिया के बोरगुरी आईटीआई मैदान से हुई। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए शांति पूर्ण मार्च निकाला। रैली ने न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि राज्य सरकार का भी ध्यान आकर्षित किया।

असम के तिनसुकिया में गरजा मोरान समुदाय, PM मोदी के दौरे से पहले हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन

छात्र संघ ने मांगी संवैधानिक गारंटी

छात्र संघ के अध्यक्ष पलिंद्र बोरा और महासचिव जॉयकांत मोरान ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, मोरान समुदाय असम के सबसे पुराने मूलनिवासी समुदायों में से एक है, लेकिन आज तक हमें हमारा संवैधानिक अधिकार नहीं मिला। हम पहचान, संस्कृति और भूमि अधिकारों की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए बिना समुदाय की अस्मिता और अधिकारों की रक्षा संभव नहीं है।

चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी

संघ नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन केवल एक शुरुआत है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक हमारा आंदोलन चरणबद्ध रूप से जारी रहेगा। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से संवाद शुरू करने और समाधान तलाशने की अपील भी की और यह भी आश्वस्त किया कि पूरा आंदोलन लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण ढंग से जारी रहेगा। कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह रैली आने वाले समय में असम की राजनीति को प्रभावित कर सकती है, विशेषकर जब राज्य चुनावों या बड़े राजनीतिक दौरों की आहट हो।

Nepal Protest: नेपाल में गुस्से का विस्फोट…सियासी सकंट सड़को पर…संसद और नेताओं के घरों पर तांडव, देखें Video

केंद्र सरकार के लिए चुनौती

यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय पर हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का असम दौरा प्रस्तावित है। ऐसे में यह आंदोलन केंद्र सरकार के लिए एक राजनीतिक चुनौती बन सकता है। 

Location :