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बिष्णुपुर जिले स्थित फुगाकचाओ इखाई में गुरुवार को उस समय तनाव भड़ गया जब बड़ी संख्या में आंतरिक रूप से विस्थापित लोग (IDPs) अपने छोड़े गए गांवों की ओर पैदल मार्च करने निकले।
प्रतीकात्मक छवि
Manipur: मणिपुर के बिष्णुपुर जिले स्थित फुगाकचाओ इखाई में गुरुवार को उस समय तनाव भड़ गया जब बड़ी संख्या में आंतरिक रूप से विस्थापित लोग (IDPs) अपने छोड़े गए गांवों की ओर पैदल मार्च करने निकले। ये लोग चुराचांदपुर, तोरबुंग बांगला और चुराचांदपुर-बिष्णुपुर सीमा के आसपास के कई खाली हो चुके गांवों में वापस जाने की मांग कर रहे थे।
बीते ढाई साल से शिविरों में रह रहे ये IDPs सुरक्षित वापसी की मांग को लेकर भारी संख्या में जुटे। लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें फुगाकचाओ इखाई पर ही रोक दिया। यह वही अंतिम बिंदु है, जिसके आगे मैतेई समुदाय के लोगों को जाने की अनुमति नहीं है। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच हालात तनावपूर्ण हो गए।
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IDP प्रदर्शनकारी ने बताया कि यह मार्च राज्य प्रशासन द्वारा संगाई महोत्सव आयोजित करने के फैसले के विरोध में किया गया। उनका कहना था कि अगर राज्य में हालात सामान्य बताकर इतना बड़ा पर्यटन कार्यक्रम हो सकता है, तो विस्थापित लोगों को भी अपने घर लौटने दिया जाना चाहिए।
इस बीच जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में सरकार बनाने कयावद जारी है। इस दिशा में बीजेपी नेतृत्व ने राज्य के बीजेपी विधायकों के साथ कई दौर की बातचीत की है। इससे पहले 3 मई, 2023 को हिंसा भड़कने के बाद पहली बार कुकी समुदाय और मैतेई समुदाय के बीजेपी विधायक पार्टी नेतृत्व के साथ चर्चा में एक साथ बैठे। बैठक में कुल 34 बीजेपी विधायकों ने हिस्सा लिया, जिनमें मणिपुर विधानसभा के स्पीकर सत्यब्रत और पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह भी शामिल थे।