Manipur Politics: मणिपुर में सरकार गठन की कवायद तेज, गवर्नर से मिले BJP नेता, जानिये नये सियासी समीकरण

मणिपुर में बीजेपी के नेता बुधवार को अचानक गर्वनर से मिलने पहुंचे, जिसके बाद वहां सरकार गठन की अटकलें जोर पकड़ने लगीं हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 28 May 2025, 3:31 PM IST
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मणिपुर: पिछले काफी समय से तनाव को देखते हुए मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। लेकिन बुधवार को बीजेपी नेताओं की गर्वनर से अचानक हुई मुलाकात के बाद राज्य में सरकार बनाने की कवायद तेज होने लगी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। बीजेपी नेता थोकचोम राधेश्याम सिंह ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात के बाद दावा किया है कि सूबे में नई सरकार बनाने के लिए 44 विधायक तैयार हैं। उन्होंने नौ अन्य विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की।

राधेश्याम सिंह ने कहा, "लोगों की इच्छा के मुताबिक 44 विधायक सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। हमने राज्यपाल को यह बात बता दी है। हमने इस मुद्दे के लिए क्या समाधान हो सकते हैं, इस पर भी चर्चा की।"

इसी साल 13 फरवरी को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। राज्य में राष्ट्रपति लागू हुए 103 दिन हो चुके हैं। इसके बाद अब बीजेपी ने फिर से नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है। मणिपुर में यह हलचल ऐसे वक्त पर सामने आई है जब 29 मई को पीएम मोदी सिक्किम के भारत में शामिल होने पर आयोजित जुबली समारोह में भाग लेने के लिए जाने वाले हैं। इससे पहले मणिपुर में पूर्व सीएम एन बीरेन सिंह की सुरक्षा भी घटा दी गई थी। उनकी सुरक्षा से 17 पुलिसकर्मी हटाए गए हैं।

आलाकमान करेंगे आगे फैसला

बीजेपी विधायक थोकचोम राधेश्याम सिंह ने कहा कि हमने राज्यपाल से कहा कि 44 विधायक तैयार हैं। हमने दावा पेश किया है अब आगे केंद्रीय भाजपा नेतृत्व अंतिम फैसला लेगा। सिंह ने दावा किया कि स्पीकर सत्यव्रत ने सभी 44 विधायकों से व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से मुलाकात की है। नई सरकार बनाने का कोई विरोध नहीं है।

फरवरी से राष्ट्रपति शासन

मणिपुर में फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है, जब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा से निपटने को लेकर आलोचनाओं के बीच पद छोड़ दिया था। मई 2023 में शुरू हुए इस संघर्ष में 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। मणिपुर विधानसभा की 60 सीटों में से एक वर्तमान में खाली है।

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