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हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में भूस्खलन के कारण एक बस मलबे में दब गई, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शोक व्यक्त करते हुए राहत कार्यों में तेजी लाने का आदेश दिया। प्रशासन ने घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन
Bilaspur: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मंगलवार को एक भूस्खलन के कारण आठ लोगों की मौत हो गई। यह हादसा बरठीं के समीप हुआ, जब अचानक पहाड़ी दरकने से एक बस पर मलबा गिर गया। इस हादसे में कुल 30 यात्री सवार थे, जिनमें से आठ की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। मलबे में दबे हुए यात्रियों को निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी है।
इस हादसे के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को इस कठिन समय में हर संभव मदद और सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने जिला प्रशासन से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट ली और राहत कार्यों को और तेज़ी से अंजाम देने के निर्देश दिए।
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि घायलों को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा जाए। शिमला से मुख्यमंत्री ने घटना पर लगातार निगरानी रखी और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अधिकारियों को सक्रिय रहने के लिए कहा। स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है, ताकि फंसे हुए यात्रियों को समय पर निकाला जा सके।
घटनास्थल पर राहत कार्यों के दौरान, प्रशासन ने एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) और पुलिस की टीमें भेजी हैं। दुर्घटना स्थल से शवों को बाहर निकाला जा चुका है और गंभीर रूप से घायल यात्रियों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। प्रशासन ने मलबा हटाने के काम को प्राथमिकता दी है ताकि बाकी के फंसे हुए यात्री जल्दी से सुरक्षित बाहर निकल सकें। इस हादसे ने प्रदेश के एक और भूस्खलन से प्रभावित इलाके की गंभीर स्थिति को उजागर किया है।
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हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं आम हैं। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस समय राज्य में भारी बारिश और नमी के कारण भू-धंसाव और भूस्खलन के जोखिम का स्तर बढ़ गया है। प्रशासन ने पहले ही भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी थी। इन भूस्खलन वाली जगहों पर सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता जताई जा रही है।