

उत्तर बंगाल में लगातार हो रही भारी बारिश से दार्जिलिंग जिले में भूस्खलन और पुल टूटने के कारण सात लोगों की मौत हो गई। मिरिक और सुखिया क्षेत्रों में भूस्खलन से कई लोग प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन जुटा हुआ है।
उत्तर बंगाल में बारिश से त्राही-त्राही
Kolkata: उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग जिले में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। खासतौर से दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिले के कई हिस्सों में भूस्खलन, पुलों का टूटना और सड़कों का कटाव हुआ है, जिससे जनहानि और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। इस भीषण आपदा के कारण सात लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई अन्य लोग मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
मिरिक और सुखिया क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं, जहां पूरी तरह से घर मलबे में दब गए और कई लोग इसकी चपेट में आ गए। वहीं, दुधिया क्षेत्र में लोहे के पुल का एक हिस्सा ढह जाने से सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग एसएच-12 सड़क पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई है। इसके कारण इन जिलों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से टूट गया है और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय प्रशासन और राहत दल स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कठिन संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण राहत कार्य में भी रुकावट आ रही है।
उत्तर बंगाल में बारिश से त्राही-त्राही
वहीं, दार्जिलिंग जिला पुलिस के साथ-साथ स्थानीय निवासी और स्वयंसेवक राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए दिन-रात काम चल रहा है। जिले के उप-निबंधक रिचर्ड लेप्चा ने बताया कि सात लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राहत कार्य में स्थानीय स्वयंसेवकों और प्रशासन की टीम के प्रयास सराहनीय हैं।
न केवल भूस्खलन, बल्कि लगातार हो रही बारिश के कारण कई घर भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन घरों में रहने वाले लोग खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। प्रशासन ने इन लोगों के लिए अस्थायी आवास बनाने का कार्य शुरू किया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण स्थिति और भी विकट हो सकती है।
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इस दुर्घटना पर भाजपा सांसद राजू बिस्ता ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "मुझे अत्यधिक दुख है कि इन जिलों में बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। कई लोगों की मौत हुई है, संपत्ति का नुकसान हुआ है और बुनियादी ढांचे को भी क्षति पहुंची है। मैं इस समय स्थिति का जायजा ले रहा हूं और संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर रहा हूं।"
सांसद बिस्ता ने आगे कहा, "हमने भाजपा कार्यकर्ताओं को राहत और बचाव कार्यों में जुटने के लिए निर्देश दिए हैं। हम हर संभव प्रयास करेंगे ताकि प्रभावित लोगों को जल्दी से मदद मिल सके। मैं अपने सभी राजनीतिक और सामाजिक सहयोगियों से भी अपील करता हूं कि वे इस संकट के समय में एकजुट होकर लोगों की मदद करें।"
पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने न केवल लोगों की जिंदगी को मुश्किल में डाला है, बल्कि सड़कों की स्थिति भी खस्ता हो गई है। विशेष रूप से दुधिया में लोहे के पुल के ढहने से सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच यात्रा पूरी तरह से प्रभावित हुई है। प्रशासन ने यहां पर यातायात को प्रतिबंधित कर दिया है और इलाके में वैकल्पिक मार्गों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके अलावा, कालिम्पोंग में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। वहां की स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाए हैं। यहां भी कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और सड़क यातायात पूरी तरह ठप है। राहत कार्यों में प्रशासन के अलावा स्थानीय लोग भी जुटे हुए हैं।