

अमरनाथ यात्रा को लेकर गुरुवार को बड़ा अपडेट सामने आया है। बालटाल और पहलगाम से यात्रियों की आवाजाही फिलहाल के लिए रोक दी गई है।
अमरनाथ यात्रा स्थगित
जम्मू-कश्मीर: अमरनाथ यात्रा को लेकर गुरुवार को बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रशासन ने भारी बारिश और भूस्खलन को देखते हुए गुरुवार 17 जुलाई से अमरनाथ यात्रा को स्थगित किया। अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू के यात्री निवास से गुरुवार को जत्था नहीं जाएगा। अब श्रद्धालु मौसम अनुकूल होने पर यहां से रवाना होंगे।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 को शुरू हुई थी और 9 अगस्त 2025 तक चलेगी। इस बार अमरनाथ यात्रा 52 दिन की बजाय 38 दिन होगी।
जानकारी के अनुसार तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने प्रशासन ने यह फैसला लिया है। जानकारी के अनुसार बालटाल में भूस्खलन के कारण 8 यात्री घायल हो गए। जिस कारण से प्रशासन ने यह कदम उठाया।
एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि बालटाल और पहलगाम मार्गों पर लगातार हो रही भारी बारिश के कारण श्री अमरनाथ जी यात्रा को कल के लिए अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि यात्रा कल जम्मू बेस कैंप से आगे नहीं बढ़ेगी। यह एहतियातन उठाया गया कदम है, क्योंकि यात्रा मार्गों पर लगातार हो रही बारिश से खतरा बना हुआ है।
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बता दें कि जम्मू कश्मीर में मौसम काफी खराब है और बीते दिन से भारी बारिश का दौर जारी है। भारी बारिश के कारण नदी और नाले उफान पर हैं। कई जिलों में अंडरपास बारिश के पानी से भरे हुए हैं। पहाड़ों के दरकने और भूस्खलन होने का खतरा भी बना हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 5 दिन यानी 21 जुलाई तक जम्मू कश्मीर में भारी से बहुत भारी बारिश होने की भविष्यवाणी की हुई है।
अमरनाथ के लिए पहलगाम वाला रास्ता अनंतनाग जिले से शुरू होता है और इस रास्ते से बाबा अमरनाथ की गुफा तक पहुंचने में 36 से 48 किलोमीटर तक का सफर यात्री तय करते हैं। क्योंकि यह रास्ता कम ढलान वाला है। इसलिए इस रास्ते को बुजुर्ग यात्रियों के लिए सही माना जाता है।
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दूसरी ओर, बालटाल वाला रास्ता गांदरबल जिले से शुरू होता है। इस रास्ते से बाबा अमरनाथ की गुफा तक पहुंचने का सफर 16 किलोमीटर लंबा है।
यह रास्ता ज्यादा ढलान वाला है, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर दोनों रास्तों पर सेना के जवानों, पैरामिलिट्री फोर्स, CRPF और पुलिस तैनात की गई है। सेना, केंद्र सरकार और गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।