

CAQM की 8 जुलाई को हुई बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। अब 1 नवंबर 2025 से दिल्ली और एनसीआर के प्रमुख शहरों गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और सोनीपत में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल-डीजल की सप्लाई नहीं दी जाएगी।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
New Delhi: दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए Commission for Air Quality Management (CAQM) द्वारा चलाए जाने वाले एंड ऑफ लाइफ व्हीकल्स के खिलाफ अभियान की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार 8 जुलाई को हुई बैठक में यह तय किया गया कि अब यह अभियान 1 नवंबर 2025 से लागू किया जाएगा। पहले यह अभियान जुलाई से शुरू होना था।
31 अक्टूबर तक मिलती रहेगी पेट्रोल और डीजल की सप्लाई
इस संशोधन के अनुसार, 31 अक्टूबर 2025 तक पुराने वाहनों को पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति जारी रहेगी। इसके बाद निर्धारित आयु सीमा से अधिक पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। यह नियम सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि एनसीआर के प्रमुख शहरों में भी लागू किया जाएगा।
इन शहरों में भी लागू होंगे प्रतिबंध
1 नवंबर से जो एनसीआर के शहर इस आदेश के अंतर्गत आएंगे, उनमें शामिल हैं।
• दिल्ली
• गाजियाबाद
• गौतमबुद्ध नगर (नोएडा)
• गुरुग्राम
• सोनीपत
क्या होता है एंड ऑफ लाइफ व्हीकल?
एंड ऑफ लाइफ व्हीकल (ELV) वह वाहन होता है जिसकी लाइफ सरकारी नियमों के अनुसार खत्म हो चुकी होती है।
• पेट्रोल वाहनों की अधिकतम उम्र: 15 साल
• डीजल वाहनों की अधिकतम उम्र: 10 साल
इसके बाद ऐसे वाहनों को सड़कों पर चलाना प्रतिबंधित होता है।
डाइरेक्शन 89 का संशोधित आदेश जल्द होगा जारी
CAQM बहुत जल्द डाइरेक्शन 89 का नया अमेंडमेंट नोटिफाई करेगा, जिसमें संशोधित तारीख और नियमों का विस्तृत ब्यौरा होगा। अधिकारियों के अनुसार, इस बदलाव का उद्देश्य वाहन मालिकों को पर्याप्त समय देना है ताकि वे वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें या अपने वाहन स्क्रैप करवा सकें।
दिल्ली में पहले ही लागू हैं पुराने वाहनों पर सख्त नियम
दिल्ली में पहले से ही 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध है। कई बार ऐसे वाहनों को जब्त भी किया गया है। अब नए निर्देश के तहत उन्हें ईंधन भी नहीं मिलेगा, जिससे वे स्वचालित रूप से सड़क से हट जाएंगे।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाया गया बड़ा कदम
CAQM के इस फैसले को वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बड़ा और निर्णायक कदम माना जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है ताकि पराली जलने, वाहनों के धुएं और निर्माण कार्यों से फैलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।