यात्रीगण कृपया ध्यान दें! भारतीय रेलवे का मेगा प्लान, 5 साल में बड़े शहरों में ट्रेनों की क्षमता दोगुनी होगी; जानें पूरा रोडमैप

भारतीय रेलवे ने 2030 तक 48 प्रमुख शहरों में ट्रेनों की क्षमता दोगुनी करने की योजना बनाई है। नए टर्मिनल, अतिरिक्त प्लेटफॉर्म और आधुनिक सिग्नलिंग से भीड़ कम होगी और यात्रियों को बेहतर रेल सेवाएं मिलेंगी।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 27 December 2025, 9:42 AM IST
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New Delhi: देश में रेल यात्रा की मांग लगातार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही है। लंबी दूरी की ट्रेनों से लेकर उपनगरीय रूट्स तक यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारतीय रेलवे ने एक बड़ा और दूरगामी फैसला लिया है। रेलवे ने अगले पांच वर्षों में देश के प्रमुख शहरों से चलने वाली ट्रेनों की क्षमता को मौजूदा स्तर से दोगुना करने की योजना तैयार की है। इसका लक्ष्य है कि 2030 तक यात्रियों को ज्यादा ट्रेनें, बेहतर समय-सारणी और भीड़ से राहत मिल सके।

क्या है रेलवे की नई योजना?

रेल मंत्रालय के अनुसार मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से मजबूत किया जाएगा। इसके तहत कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार, नए टर्मिनलों का निर्माण, ट्रैक क्षमता बढ़ाना और सिग्नलिंग सिस्टम को आधुनिक बनाया जाएगा। कई बड़े स्टेशनों पर अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, स्टेबलिंग लाइन्स, पिट लाइन्स और शंटिंग सुविधाओं का विकास किया जाएगा ताकि ज्यादा ट्रेनों का संचालन संभव हो सके।

रेलवे ने यह भी साफ किया है कि केवल मुख्य टर्मिनल ही नहीं, बल्कि उनके आसपास के स्टेशनों को भी योजना में शामिल किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर पुणे के साथ हड़पसर, खड़की और आलंदी जैसे स्टेशनों की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी, जिससे पूरे शहर के रेल नेटवर्क पर दबाव कम हो।

उपनगरीय और लंबी दूरी दोनों पर फोकस

यह योजना उपनगरीय और गैर-उपनगरीय, दोनों तरह के यातायात को ध्यान में रखकर बनाई गई है। रेलवे का मानना है कि दोनों की जरूरतें अलग-अलग हैं, इसलिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग भी उसी हिसाब से की जाएगी। देश के 48 प्रमुख शहरों के लिए एक व्यापक और समयबद्ध रोडमैप तैयार किया जा रहा है, जिसमें पहले से स्वीकृत, प्रस्तावित और नई परियोजनाएं शामिल होंगी।

इन शहरों को मिलेगा सीधा फायदा

इस महत्वाकांक्षी योजना में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, पटना, लखनऊ, पुणे, नागपुर, वाराणसी, कानपुर, जयपुर, भोपाल, इंदौर, कोच्चि, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, गुवाहाटी, रांची, रायपुर समेत कुल 48 शहर शामिल हैं। रेलवे का लक्ष्य 2030 तक क्षमता दोगुनी करने का है, लेकिन अगले पांच सालों में ही चरणबद्ध तरीके से इसका असर दिखने लगेगा।

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तीन चरणों में होगा काम

रेलवे ने इस पूरी योजना को तत्काल, अल्पकालिक और दीर्घकालिक श्रेणियों में बांटा है। हर चरण के लिए स्पष्ट समयसीमा और परिणाम तय किए जाएंगे ताकि यात्रियों को जल्द से जल्द इसका फायदा मिल सके।

रेल मंत्री का क्या कहना है?

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, बढ़ती यात्री मांग और भीड़ को कम करने के लिए अलग-अलग शहरों में कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार किया जा रहा है और सेक्शनल व परिचालन क्षमता को मजबूत बनाया जा रहा है। इससे न सिर्फ रेलवे नेटवर्क का आधुनिकीकरण होगा, बल्कि देशभर में कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।

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यात्रियों के लिए क्या बदलेगा?

इस योजना के लागू होने से ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, वेटिंग लिस्ट कम होगी और भीड़भाड़ से राहत मिलेगी। साथ ही, समय पर ट्रेन संचालन और बेहतर सुविधाओं से यात्रियों का सफर ज्यादा आरामदायक हो जाएगा। 2030 की ओर बढ़ते हुए भारतीय रेलवे का यह कदम देश की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।

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Published : 
  • 27 December 2025, 9:42 AM IST