

हैदराबाद के एक फर्टिलिटी सेंटर में सरोगेसी के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। डीएनए टेस्ट से खुलासा हुआ कि दंपती को सौंपा गया बच्चा उनका जैविक संतान नहीं था।
सरोगेसी के नाम पर 35 लाख की ठगी (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
Hyderabad: हैदराबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक फर्टिलिटी सेंटर की आड़ में अवैध सरोगेसी रैकेट चलाया जा रहा था। राजस्थान के एक दंपती की शिकायत पर जब पुलिस ने जांच की, तो हकीकत सामने आकर सबको चौंका गई। सरोगेसी के माध्यम से जन्मे बच्चे का जब डीएनए परीक्षण कराया गया, तो यह सामने आया कि उस बच्चे का दंपती से कोई जैविक संबंध ही नहीं है।
इस खुलासे के बाद पुलिस हरकत में आई और रेजिमेंटल बाजार स्थित यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर पर छापा मारा। इस कार्रवाई में डॉक्टर नम्रता समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सेंटर की मैनेजर डॉ. नम्रता पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने जानबूझकर दंपती को गुमराह किया और अवैध तरीके से बच्चा उन्हें सौंपा।
सिकंदराबाद में रहने वाले राजस्थान के इस दंपती ने बताया कि वे लंबे समय से संतान सुख से वंचित थे। ऐसे में उन्होंने पिछले साल यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर से संपर्क किया और सरोगेसी के जरिए बच्चा पाने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने क्लिनिक को कुल 35 लाख रुपये का भुगतान किया।
सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जब इस साल बच्चे का जन्म हुआ, तो दंपती ने बच्चे और सरोगेट मां का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की। लेकिन डॉ. नम्रता ने कई बार उन्हें टाल दिया। दंपती को शक हुआ तो उन्होंने निजी स्तर पर डीएनए जांच कराई और सच्चाई सामने आ गई।
डीएनए रिपोर्ट में साफ हो गया कि नवजात शिशु का दंपती से कोई जैविक संबंध नहीं है। इसका मतलब था कि न तो महिला का अंडाणु और न ही पुरुष का शुक्राणु इस प्रक्रिया में इस्तेमाल किया गया था। यह एक गंभीर धोखाधड़ी का मामला था।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
जैविक संबंध न होने की पुष्टि होते ही दंपती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए फर्टिलिटी सेंटर पर छापा मारा और इस गिरोह में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह रैकेट पिछले काफी समय से सक्रिय था और कई अन्य दंपतियों के साथ भी इसी तरह की ठगी की आशंका जताई जा रही है।
पुलिस ने डॉ. नम्रता सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सेंटर के कर्मचारी, दलाल और कुछ मेडिकल सपोर्ट स्टाफ शामिल हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इस गिरोह के तार और किन शहरों या क्लीनिकों से जुड़े हुए हैं।
हैदराबाद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह बेहद संगीन मामला है। एक फर्टिलिटी सेंटर में सरोगेसी जैसे संवेदनशील विषय के नाम पर लोगों को ठगना और उन्हें गैर-जैविक बच्चा सौंपना गंभीर अपराध है। जांच जारी है और हम जल्द ही और भी खुलासे करेंगे।
पुलिस अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या इस गिरोह ने अन्य राज्यों या शहरों में भी इसी तरह की धोखाधड़ी की है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ जारी है और संभावना है कि इस रैकेट से जुड़े और भी लोग जल्द गिरफ्तार किए जा सकते हैं।