

कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से भारत के कई राज्यों में अब तक 23 बच्चों की मौत हो चुकी है। सिरप में मिले खतरनाक केमिकल डायएथिलीन ग्लायकॉल से किडनी फेल हो रही है। सरकार ने बिक्री पर रोक और फार्मा कंपनी पर जांच का आदेश दिया है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: भारत में बच्चों की सेहत के साथ एक बार फिर बड़ा खिलवाड़ सामने आया है। इस बार मामला एक सामान्य-सी दिखने वाली दवा- कफ सिरप से जुड़ा है, जिसकी वजह से अब तक तीन राज्यों में 20 से अधिक बच्चों की जान जा चुकी है। कोल्ड्रिफ नाम के इस कफ सिरप में ऐसा केमिकल पाया गया है जो सीधे तौर पर किडनी को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे शरीर को इतना नुकसान पहुंचाता है कि जान तक चली जाती है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में यह मामला तब सामने आया जब दर्जनों बच्चे एक ही तरह के लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंचे और इलाज के दौरान मौत हो गई। जांच के बाद जो सच्चाई सामने आई, उसने पूरे देश को हिला दिया।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्णा जिलों में 7 सितंबर से लेकर अब तक 20 बच्चों की जान चली गई है। अकेले छिंदवाड़ा में 17 मौतें दर्ज की गई हैं, जबकि हाल के 24 घंटों में मौत के 4 नए मामले सामने आए हैं। राजस्थान में 3 बच्चों की मौत इसी कफ सिरप के सेवन के बाद हुई। यहां भी बच्चों में किडनी फेलियर जैसे लक्षण पाए गए। इस तरह कुल मिलाकर अब तक 23 बच्चों की मौत हो चुकी है, और यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि अन्य राज्यों में भी मामले सामने आने लगे हैं।
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मौत के इन मामलों के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, तमिलनाडु और केरल की सरकारों ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है। इन राज्यों की स्वास्थ्य एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और मेडिकल स्टोर्स से कोल्ड्रिफ ब्रांड की दवाइयां हटाई जा रही हैं।
इसके अलावा, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सभी संबंधित राज्यों को निर्देश जारी किए हैं कि कोल्ड्रिफ के अन्य स्टॉक्स की सैंपलिंग और टेस्टिंग की जाए।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
जांच में पाया गया कि इस कफ सिरप में 'डायएथिलीन ग्लायकॉल (Diethylene Glycol)' नाम का केमिकल है, जो बेहद विषैला होता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर पेंट और फर्टिलाइजर इंडस्ट्री में किया जाता है। शरीर में जाने पर यह सीधे किडनी को नुकसान पहुंचाता है।
लक्षणों में उल्टी, दस्त, पेशाब बंद होना और धीरे-धीरे किडनी फेल हो जाना शामिल है। यह वही केमिकल है, जिसके चलते अतीत में गाम्बिया और उज़्बेकिस्तान जैसे देशों में भी भारतीय कफ सिरप से बच्चों की मौतें हो चुकी हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों ने मिलकर कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली फार्मा कंपनी के सभी प्लांट्स की जांच शुरू कर दी है। सभी एक्स्ट्रा स्टॉक्स बाजार से हटाए जा रहे हैं। फैक्ट्रियों की मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया की जांच चल रही है। कंपनी के खिलाफ क्रिमिनल जांच की भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं
छिंदवाड़ा: किडनी फेल से एक और बच्चे की मौत, मध्य प्रदेश में बच्चों की जान जाने का सिलसिला जारी
डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों ने माता-पिता को आगाह किया है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सिरप बच्चों को न दें। विशेष रूप से अगर दवा की पैकिंग पर Coldrelief, Coldrif, या कोल्ड्रिफ जैसा कोई नाम हो, तो उसे तुरंत फेंक दें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करें।