

लेह में लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग पर छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया। CRPF की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया और पुलिस से झड़प हुई। सोनम वांगचुक के समर्थन में खड़े Gen-Z युवाओं ने केंद्र सरकार से तत्काल कार्यवाही की मांग की है।
लेह में छात्रों का प्रदर्शन
Leh: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग अब जन-आंदोलन का रूप ले चुकी है। बुधवार को लेह में Gen-Z छात्रों ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हो गई, जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए। CRPF की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया।
सामाजिक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पिछले कई महीनों से लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और इसे पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने नई दिल्ली तक मार्च निकालने के बाद लगातार भूख हड़ताल भी की। वांगचुक की अगुवाई में लद्दाख की एपेक्स बॉडी इस मांग को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बना रही है।
पाकिस्तान की नहीं आई अक्ल ठिकाने! दो बार भारत से हारने के बाद भी दे दी धमकी, जानें क्या कहा
बुधवार को छात्रों ने वांगचुक के समर्थन में जबरदस्त प्रदर्शन किया। प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। हालात नियंत्रण से बाहर होते देख पुलिस और CRPF को कार्रवाई करनी पड़ी, लेकिन इससे छात्रों का गुस्सा और भड़क गया। CRPF की एक वाहन को छात्रों ने आग के हवाले कर दिया, जिससे पूरे शहर में तनाव फैल गया।
इस बार आंदोलन की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसमें Gen-Z (नई पीढ़ी के छात्र) बड़ी संख्या में आगे आए। ये छात्र न सिर्फ राजनीतिक रूप से जागरूक हैं, बल्कि अपने क्षेत्र के सामाजिक और संवैधानिक अधिकारों को लेकर बेहद गंभीर भी हैं। छात्रों का कहना है कि अगर उनकी आवाज नहीं सुनी गई, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
बैंकॉक में बड़ा हादसा: सड़क धंसने से 50 मीटर गड्ढे में समाईं गाड़ियां, जानें क्या है पूरा मामला
अब तक केंद्र सरकार की ओर से लद्दाख की इन मांगों पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटा गया था, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला। तब से लद्दाख के लोग विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की चुप्पी अब जनाक्रोश में बदलती नजर आ रही है।