

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार से जापान की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं, विदेश सचिव विक्रम मिसरी के अनुसार, इस यात्रा में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा और तकनीकी सहयोग पर विशेष जोर दिया जाएगा।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार से जापान की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं, जो भारत-जापान संबंधों को और मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस यात्रा को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि यह दौरा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता की दिशा में दोनों देशों की प्रतिबद्धता को पुष्ट करेगा। यह यात्रा भारत और जापान के बीच चल रहे विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को एक नया आयाम देने वाली है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन का हिस्सा है, जो दोनों देशों के बीच सबसे उच्च स्तर की वार्ता प्रणाली का प्रतीक है। यह सम्मेलन राजधानी के बाहर आयोजित किया जा रहा है, जहां दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने बातचीत होती है, जो द्विपक्षीय संबंधों की गहराई और प्रभाव को दर्शाता है।
मिसरी ने बताया कि भारत और जापान के बीच यह शिखर सम्मेलन दोनों देशों की विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इस साझेदारी के तहत कई महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं जैसे कि व्यापार, निवेश, रक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा और सांस्कृतिक संबंध।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा जाएंगें
उन्होंने कहा, 'भारत और जापान दोनों ऐसे लोकतंत्र हैं जो विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं और उनके बीच का सहयोग क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए अहम है।' पिछले एक दशक में दोनों देशों के बीच संबंधों का दायरा बढ़ा है और यह यात्रा उन संबंधों की समीक्षा करने और भविष्य के लिए नई रणनीतियों पर चर्चा करने का मौका प्रदान करेगी।
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विदेश सचिव ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जापानी और भारतीय उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ एक व्यापार नेताओं के मंच में भाग लेंगे। इस मंच का उद्देश्य दोनों देशों के बीच निवेश, व्यापार और तकनीकी सहयोग को गहरा करना है। यह बैठक भारत-जापान के बीच आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगी।
विदेश सचिव ने कहा कि भारत और जापान अनेक मुद्दों पर साझा मूल्यों, विश्वासों और रणनीतिक दृष्टिकोण को लेकर एक-दूसरे के साथ मजबूती से खड़े हैं। यह यात्रा इन साझा हितों को और मजबूत करेगी और कई वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए दोनों देशों की साझेदारी को और अधिक प्रभावशाली बनाएगी।
इस शिखर बैठक में दोनों प्रधानमंत्री क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने जैसे विषय शामिल होंगे। दोनों देश उभरते अवसरों और चुनौतियों का सामना करने के लिए नई पहलों की योजना बनाएंगे।
विदेश सचिव ने कहा कि भारत-जापान संबंध केवल राजनीतिक और आर्थिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक स्तर पर भी गहरे हैं। दोनों देशों के बीच शिक्षा, कला, और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने वाले कई कार्यक्रम चल रहे हैं। यह यात्रा इस सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और अधिक सुदृढ़ करेगी।