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भारत के अंतरिक्ष अभियान में एक और अहम मील का पत्थर तब आया जब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के पायलट और एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन के सदस्य, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोमवार को मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच लंबी और विस्तृत बातचीत हुई।
शुभांशु शुक्ला की PM Modi से मुलाकात
New Delhi: प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु से पूछा कि भारत के गगनयान मिशन में उनकी भूमिका के बारे में क्या ख्याल है। इस पर शुभांशु ने बताया कि गगनयान मिशन के लिए दुनिया भर में लोगों का उत्साह देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, "जब भी मैंने अंतरिक्ष यात्रा के अनुभवों के बारे में बात की, लोग मुझसे अधिक उत्साहित दिखे, और कई लोग तो मुझसे भी ज्यादा गगनयान मिशन को लेकर आग्रह करते थे। वे मुझे कहते थे, 'आपका मिशन कब शुरू हो रहा है, हमें बुलाइए'।" प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस दौरान भविष्य में भारत के लिए अंतरिक्ष यात्रियों की भूमिका पर जोर दिया और कहा कि भारत के गगनयान मिशन में 40-50 अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम की जरूरत होगी। यह मिशन अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को एक और बड़ा कदम बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा।
अंतरिक्ष स्टेशन पर जीवन और भोजन
शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष यात्रा के दौरान भोजन की चुनौती का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "अंतरिक्ष स्टेशन पर खाना बनाना एक बड़ी चुनौती है। वहां जगह सीमित होती है और सामान महंगा होता है। हमें हमेशा कोशिश करनी होती है कि कम से कम जगह में ज्यादा से ज्यादा कैलोरी और पोषक तत्व पैक किए जाएं।" उन्होंने यह भी बताया कि अंतरिक्ष में मूंग और मेथी के प्रयोग को लेकर अत्याधुनिक प्रयोग चल रहे हैं। "आश्चर्यजनक रूप से, इन पौधों को उगाना आसान है और इनसे एक नई तकनीक मिल सकती है जो खाद्य संकट के समाधान में मदद कर सकती है," शुभांशु ने कहा।
शुभांशु शुक्ला की PM Modi से मुलाकात
अंतरिक्ष में मानसिक और शारीरिक चुनौतियां
प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु से पूछा कि अंतरिक्ष में यात्रा के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से उन्हें क्या-क्या बदलाव महसूस होते हैं। इस पर शुभांशु ने बताया, "जब आप अंतरिक्ष में पहुंचते हैं, तो आपके शरीर में काफी बदलाव होते हैं। गुरुत्वाकर्षण की कमी की वजह से शरीर को ढलने में समय लगता है। पर जब आप वापस पृथ्वी पर लौटते हैं तो पहले कदमों में ही आपको मुश्किलें आती हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि अंतरिक्ष में मानसिक प्रशिक्षण बहुत अहम है। "हमारे शरीर में मांसपेशियों की ताकत होती है, लेकिन दिमाग को सही तरीके से रीवायर करना पड़ता है ताकि हम मानसिक रूप से तैयार हो सकें।" पीएम मोदी ने इस पर सहमति जताई और कहा कि "सिर्फ शरीर का अभ्यास नहीं, दिमाग का भी अभ्यास महत्वपूर्ण है।"
“अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय कौन था?”
प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा कि "अब तक कौन अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय तक रहा है?" शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष मिशन के दौरान 8 महीने तक अंतरिक्ष में रहना एक महत्वपूर्ण कदम है और अब यह एक सामान्य प्रक्रिया बन चुकी है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक अब ज्यादा समय तक वहां रहने के लिए तैयार हैं।
शुभांशु शुक्ला की PM Modi से मुलाकात
प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं
मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने शुभांशु से कहा कि उनका अनुभव भारत के गगनयान मिशन के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने शुभांशु को आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दी और भारतीय अंतरिक्ष मिशन में उनकी भूमिका के महत्व पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने पूछा होमवर्क का अपडेट
प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु से पिछली मुलाकात में दिए गए होमवर्क के बारे में भी पूछा। शुभांशु ने कहा कि उन्होंने इसका प्रगति दिखाते हुए बताया कि लोगों ने इसे लेकर मजाक भी किया था, लेकिन मिशन के बाद गगनयान मिशन के बारे में चर्चा करना और सीखना अभी भी जारी है।