पंजाब में बाढ़ से हाहाकार: चार जिलों में ध्वस्त तटबंध, 3.87 लाख बेघर, 48 की मौत; शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लाने की कोशिशें तेज

पंजाब में भीषण बाढ़ से 23 जिलों के 2050 गांव प्रभावित हुए हैं, जिसमें करीब 4 लाख लोग बेघर हो चुके हैं। स्कूलों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। सरकार ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है और सोमवार से अधिकांश शैक्षणिक संस्थान खोलने का निर्णय लिया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 8 September 2025, 9:52 AM IST
google-preferred

Chandigarh: पंजाब इन दिनों इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ की मार झेल रहा है। राज्य के 23 जिलों में जलप्रलय ने तबाही मचा दी है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। शनिवार को आई भारी बारिश और पहले से जलमग्न क्षेत्रों में ध्वस्त हुए धुस्सी बांधों ने स्थिति और भयावह कर दी। रविवार को दिनभर सेना और एनडीआरएफ की टीमें चार जिलों में टूटे तटबंधों की मरम्मत में जुटी रहीं। वहीं, राहत और पुनर्वास कार्यों में भी तेजी लाई गई है।

बाढ़ से तबाही का आंकड़ा डराने वाला

राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 3,87,898 लोग बेघर हो चुके हैं और 20 लाख से अधिक नागरिक सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। कुल 2050 गांव जलमग्न हैं, जहां जनजीवन पूरी तरह ठप पड़ा है। मुख्य सचिव ने बताया कि अब तक 1,76,980.05 हेक्टेयर फसल नष्ट हो चुकी है। बाढ़ से अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पठानकोट जिले से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं।

पंजाब में बाढ़ से हाहाकार

डूबे खेतों के बीच जीवन संघर्ष

बाढ़ग्रस्त गांवों में लोगों को पीने का पानी, भोजन और दवाइयों के लिए जूझना पड़ रहा है। कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से कट चुका है। सीमा क्षेत्र के गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू बोट्स की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। खासकर गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर और कपूरथला जिलों में तटबंध टूटने से खेतों में पानी भर गया है, जिससे खरीफ फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। किसान बर्बादी के कगार पर हैं।

स्कूलों में लौटी रौनक

राज्य सरकार ने 8 सितंबर से स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक और आईटीआई संस्थानों को दोबारा खोलने का निर्णय लिया है। हालांकि बाढ़ से प्रभावित इलाकों में स्कूल खोलने का निर्णय संबंधित डिप्टी कमिश्नर की मंजूरी पर निर्भर करेगा। शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि सरकारी स्कूलों में सोमवार को केवल शिक्षक उपस्थित होंगे। वे स्कूल भवनों का निरीक्षण करेंगे और नुकसान का आकलन करेंगे। विद्यार्थियों के लिए स्कूल 9 सितंबर से खोले जाएंगे। वहीं, निजी स्कूल सोमवार से शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए खुल जाएंगे, लेकिन स्कूल प्रबंधन को भवन की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।

अमृतसर में स्कूलों को भारी नुकसान

बाढ़ का सबसे गंभीर असर अमृतसर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में देखा गया है, जहां 175 सरकारी स्कूलों को लगभग 54 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) राजेश शर्मा और एलीमेंट्री शिक्षा अधिकारी कंवलजीत सिंह ने अजनाला, चोगावां, लोपोके और रमदास क्षेत्रों का दौरा किया। इन स्कूलों में दीवारें गिर गई हैं, फर्नीचर खराब हो चुका है और क्लासरूम में रखा पूरा सामान बर्बाद हो गया है। अब तक 135 सरकारी एलिमेंट्री स्कूलों में 29.17 करोड़ और करीब 40 मिडल, हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 25 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है।

 

पंजाब में बाढ़ से हाहाकार

पुनर्निर्माण की तैयारी और अपील

सरकार ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए हैं कि वे शिक्षा संस्थानों के नुकसान की रिपोर्ट जल्दी तैयार कर मुख्यालय भेजें ताकि जल्द से जल्द नवीनीकरण कार्य शुरू किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए वैकल्पिक क्लास रूम, टेंट स्कूल या मोबाइल क्लासेस की व्यवस्था भी की जा रही है।

राहत और पुनर्वास ही प्राथमिकता

राज्य सरकार ने बताया कि लगभग 500 राहत शिविर लगाए गए हैं, जहां लोगों को भोजन, दवा और आश्रय दिया जा रहा है। इसके अलावा, पशुओं के लिए चारा और दवाइयों की भी विशेष व्यवस्था की गई है।मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से राहत राशि की मांग करते हुए कहा है कि हम हर संभव मदद कर रहे हैं, लेकिन केंद्र से पैकेज मिलना आवश्यक है ताकि पुनर्निर्माण तेजी से हो सके।

Location :