

हिमाचल प्रदेश के चंबा और मंडी जिलों में 20 अगस्त की सुबह भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। चंबा में एक घंटे के भीतर दो बार धरती हिली, जबकि मंडी में भी कंपन महसूस की गई। क्षेत्र पहले से ही भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन जैसी आपदाओं से जूझ रहा है।
हिमाचल प्रदेश में भूकंप के झटके (Img: Google)
New Delhi: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे लोगों को बुधवार, 20 अगस्त की सुबह भूकंप के झटकों ने और डरा दिया। चंबा और मंडी जिलों में सुबह के समय धरती दो बार हिली, जिससे लोग घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए।
सुबह-सुबह कांपी धरती
चंबा जिले में पहला भूकंप सुबह 3:27 बजे महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 मापी गई। इसके कुछ ही समय बाद, सुबह 4:39 बजे एक और झटका आया, जिसकी तीव्रता 4.0 थी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र चंबा जिले में ही था और यह 10 किलोमीटर की गहराई में उत्पन्न हुआ। इसके स्थानांक 32.87 डिग्री उत्तर अक्षांश और 76.09 डिग्री पूर्व देशांतर पर दर्ज किए गए।
मंडी में भी आया था भूकंप
वहीं, मंडी जिले में भी सुबह 4:30 बजे के करीब भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 थी। हालांकि दोनों ही स्थानों पर किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन पहले से ही आपदाओं से जूझ रहे लोगों में डर का माहौल और गहरा गया है।
करोड़ों का नुकसान झेल चुका हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष मानसून के आगमन के बाद से अब तक 2,211 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। 20 जून के बाद से राज्य में 74 बार अचानक बाढ़, 38 बार बादल फटने और 72 बड़ी भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। इन आपदाओं में अब तक 143 लोगों की जान जा चुकी है और 37 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
कुल्लू में भी फटा बादल
हाल ही में, 18 अगस्त की रात को कुल्लू जिले के कानोन गांव में बादल फटने की घटना हुई, जिससे एक पुल और तीन दुकानें बह गईं। जिला प्रशासन ने इसके मद्देनज़र कुल्लू और बंजार उपमंडलों में मंगलवार (19 अगस्त) को स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्णय लिया।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार शाम तक हिमाचल में कुल 357 सड़कें बंद थीं, जिनमें से 179 मंडी और 105 कुल्लू जिले में हैं। इसके अलावा, 872 बिजली ट्रांसफार्मर और 140 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। हिमाचल के कांगड़ा जिले में भी 18 अगस्त की रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रात करीब 9:30 बजे लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, इस घटना में भी किसी तरह के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई।