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डूंगरपुर के पार्षद मोहनलाल नागदा के बेटे का कनाडा में अचानक निधन हो गया। घटना से परिवार और समाज में शोक है। उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत व राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर पार्थिव शरीर भारत लाने में सहयोग की मांग की है।
निपुण नागदा (Img: Google)
Jaipur: राजस्थान के डूंगरपुर जिले से एक अत्यंत दुखद घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय समुदाय को बल्कि पूरे प्रवासी भारतीय समाज को गहरे सदमे में डाल दिया है। डूंगरपुर नगर परिषद के पार्षद मोहनलाल नागदा के पुत्र निपुण नागदा का मंगलवार को कनाडा के एडमॉन्टन सिटी में अचानक निधन हो गया। निपुण 40 वर्ष के थे और पिछले 12 वर्षों से कनाडा में रहकर कंप्यूटर इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने वहां की नागरिकता भी प्राप्त कर ली थी।
मिली जानकारी के अनुसार निपुण नागदा रोज की तरह मंगलवार शाम बैडमिंटन खेलकर घर लौटे थे। घर पहुंचने के बाद वह बाथरूम में गए, जहां अचानक गिरने से उनकी हृदय गति रुक गई। परिवार ने उन्हें काफी देर तक बाहर नहीं आते देखा तो दरवाजा तोड़ा गया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। इस अप्रत्याशित घटना ने उनकी पत्नी और दोनों बच्चों को गहरे सदमे में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं डूंगरपुर में रहने वाले रिश्तेदार और परिचित लगातार संपर्क में हैं और शोक व्यक्त कर रहे हैं।
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जैसे ही यह दुखद समाचार डूंगरपुर पहुंचा, पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। निपुण नागदा को शहर का एक उज्ज्वल और प्रगतिशील युवा माना जाता था, जो विदेश में रहकर भी हमेशा अपने परिवार और समाज से जुड़े रहते थे। उनके निधन से परिवार ही नहीं बल्कि पूरे समाज में गहरा दुःख व्याप्त है।
इस घटना की जानकारी मिलने पर उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने संवेदना व्यक्त की और तुरंत कार्रवाई करते हुए केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को एक पत्र भेजा। पत्र में सांसद ने आग्रह किया है कि निपुण नागदा के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत, विशेष रूप से डूंगरपुर, भेजने में परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए। सांसद रावत ने कहा कि इस कठिन समय में परिवार को कानूनी और औपचारिक प्रक्रियाओं में किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसके लिए विदेश मंत्रालय का सहयोग आवश्यक है।
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इसी तरह राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने भी विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है और पार्थिव शरीर को भारत लाने की प्रक्रिया को तेज करने की मांग की है। निपुण की मां का रोते-रोते बुरा हाल है और वह बार-बार अपने बेटे का अंतिम संस्कार अपने देश में करने की गुहार लगा रही हैं।
वर्तमान में कनाडा स्थित भारतीय दूतावास से भी संपर्क साधा जा रहा है और आवश्यक कागजी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार और दूतावास के सहयोग से निपुण का शरीर जल्द ही भारत लाया जा सकेगा।