“गवर्नर किसी बिल को अनिश्चित समय तक रोक नहीं सकते…”: CJI बी आर गवई

दरअसल, बिलों को लेकर यह मामला  तमिलनाडु गवर्नर और राज्य सरकार के बीच हुए विवाद से समाने आया था। इस मामले में गवर्नर ने राज्य सरकार के कई बिल रोककर रखे हुए थे। इस पर गत 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि गवर्नर के पास कोई वीटो पावर नहीं है।

Updated : 23 November 2025, 2:36 PM IST
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई ने कहा कि गवर्नर किसी बिल को अनिश्चित समय तक रोक नहीं सकते, न ही कोई सख्त टाइमलाइन तय की जा सकती है। जस्टिस गवई ने कहा, एक बैलेंस होना चाहिए। गवर्नर को एक सही समय के अंदर फैसला करना होगा।”

डेडलाइन तय करने वाली याचिकाओं पर फैसला

गत गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति और राज्यपाल की बिल मंजूरी की डेडलाइन तय करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं लगता कि राज्यपालों के पास विधानसभाओं से पास विधेयकों पर रोक लगाने की पूरी शक्ति है। इसलिए कोर्ट ने आगे कहा कि अगर देरी होगी तो हम दखल दे सकते हैं। 'गवर्नर्स के पास 3 ऑप्शन हैं। या तो मंजूरी दें या बिलों को दोबारा विचार के लिए भेजें या उन्हें प्रेसिडेंट के पास भेजें;' 

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तमिलनाडु गवर्नर और राज्य सरकार के बीच  विवाद

दरअसल, बिलों को लेकर यह मामला  तमिलनाडु गवर्नर और राज्य सरकार के बीच हुए विवाद से समाने आया था। इस मामले में गवर्नर ने राज्य सरकार के कई बिल रोककर रखे हुए थे। इस पर गत 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि गवर्नर के पास कोई वीटो पावर नहीं है।

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पांच राज्यों में 42 बिलों को मंजूरी का इंतजार

10 बिल लटकने पर तमिलनाडु में विवाद बढ़ा था। राष्टपति को 2023 में भेजे गए। 1 की मंजूरी और 7 खरीज हुए। वहीं दो पेंडिंग थे।

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  • Delhi

Published : 
  • 23 November 2025, 2:36 PM IST