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भारत में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का एक स्थायी परंपरागत क्रम है। जब मौजूदा CJI के सेवानिवृत्त होने में लगभग एक माह बचता है, तब केंद्रीय कानून मंत्रालय उनसे उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध करता है।
सूर्य कांत और बीआर गवई
New Delhi: भारत के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई रविवार 23 नवंबर को अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में उनका अंतिम कार्य दिवस था, जहां उन्होंने भावुक कर देने वाला विदाई संबोधन दिया। जस्टिस गवई के बाद अब 53वें CJI सूर्य कांत बनेंगे।
भारत में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का एक स्थायी परंपरागत क्रम है। जब मौजूदा CJI के सेवानिवृत्त होने में लगभग एक माह बचता है, तब केंद्रीय कानून मंत्रालय उनसे उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध करता है। मौजूदा CJI, सुप्रीम कोर्ट के सीनियरिटी क्रम के अनुसार सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करते हैं। यह प्रक्रिया औपचारिक रूप से पूरी होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी से नए CJI की नियुक्ति होती है। इस तरह देश को उसका नया मुख्य न्यायाधीश मिल जाता है।
जस्टिस सूर्यकांत बनेंगे देश के 53वें CJI, 24 नवंबर को लेंगे शपथ
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म हरियाणा के हिसार में हुआ। वे अपने विनम्र स्वभाव और संतुलित निर्णयों के लिए न्यायिक समुदाय में जाने जाते हैं। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से कानून (LLB) की पढ़ाई पूरी की।
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बी. आर. गवई ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन कहा, “आप सभी के स्नेह और शब्दों को सुनकर मेरी आवाज भर आई। जब मैं इस कोर्ट कक्ष से आखिरी बार बाहर निकलूंगा, तो यह संतोष रहेगा कि मैंने देश की सेवा के लिए अपनी ओर से पूरी निष्ठा से काम किया।”
जस्टिस गवई ने अपने 40 वर्ष के लंबे करियर को याद करते हुए कहा कि वकील से हाईकोर्ट न्यायाधीश, फिर सुप्रीम कोर्ट के जज और अंत में देश के मुख्य न्यायाधीश बनने तक का सफर अत्यंत संतोषजनक और गौरवपूर्ण रहा।