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लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने रिठाला-बवाना-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर के लिए दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की ज़मीन दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को ट्रांसफर करने की मंज़ूरी दे दी है। इससे वायडक्ट का निर्माण तेज़ी से होगा और दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
नया मेट्रो रूट ( Img Source: Google)
New Delhi: दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तहत प्रस्तावित रिठाला-बवाना-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर को लेकर एक बड़ी राहत मिली है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की ज़मीन दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को देने की मंज़ूरी दे दी है।
LG की मंज़ूरी के बाद, रिठाला से रोहिणी सेक्टर-25 तक मेट्रो वायाडक्ट के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। यह मामला काफी समय से अटका हुआ था, जिससे मेट्रो प्रोजेक्ट में देरी हो रही थी।
मंज़ूरी के मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड रिठाला में अपने STP कॉम्प्लेक्स से DMRC को ज़मीन देगा। इसमें शामिल हैं-
इसके बदले में, DMRC दिल्ली जल बोर्ड को कुल 75,50,353 रुपये का भुगतान करेगा। इसमें स्थायी ज़मीन के लिए 12.28 लाख रुपये और अस्थायी ज़मीन के लिए 63.21 लाख रुपये शामिल हैं। DMRC इस ज़मीन का इस्तेमाल सिर्फ़ मेट्रो वायाडक्ट के निर्माण के लिए करेगा।
इस फैसले से न सिर्फ़ मेट्रो प्रोजेक्ट में तेज़ी आएगी, बल्कि नरेला के विकास को भी काफ़ी फ़ायदा होगा। नरेला को एजुकेशन हब, रिहायशी इलाका और स्पोर्ट्स हब के तौर पर विकसित करने की योजनाओं को मज़बूती मिलेगी। स्थानीय लोग लंबे समय से बेहतर मेट्रो कनेक्टिविटी की मांग कर रहे थे।
रिठाला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर के पूरा होने से दिल्ली और हरियाणा के बीच यात्रा आसान हो जाएगी। इससे रोहिणी, बवाना और नरेला जैसे इलाकों में सड़क ट्रैफिक और प्रदूषण भी कम होने की उम्मीद है। इस कॉरिडोर में 21 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन होंगे, जो लाखों लोगों को सीधी मेट्रो कनेक्टिविटी देंगे।
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यह मेट्रो कॉरिडोर रेड लाइन से जुड़ेगा, जिससे दिल्ली-NCR में यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाएगी। इससे उन इलाकों को खास तौर पर फ़ायदा होगा, जहां पहले सीधी मेट्रो कनेक्टिविटी नहीं थी। यह रूट दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के लिए एक अहम लाइफलाइन साबित हो सकता है।