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लाल किले के पास हुए धमाके का असर दिल्ली के प्रमुख बाजारों पर साफ नजर आ रहा है। चांदनी चौक, सदर बाजार और लाजपत राय मार्केट में दहशत के चलते खरीदारों की भीड़ गायब है और व्यापार में 75% तक गिरावट दर्ज की गई है। व्यापारिक संगठनों के अनुसार अब तक 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हो चुका है।
दिल्ली बाजार
New Delhi: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए धमाके का असर राजधानी के कई व्यस्त बाजारों पर गहराई से महसूस किया जा रहा है। चांदनी चौक, सदर बाजार, लाजपत राय मार्केट और लाजपत नगर जैसे प्रमुख वाणिज्यिक क्षेत्रों में सामान्य दिनों की तुलना में खरीदारों की संख्या बेहद कम है।
त्योहार और शादी के सीजन में जहां इन बाजारों में कदम रखना भी मुश्किल हो जाता था, वहीं धमाके के बाद असामान्य सन्नाटा पसरा हुआ है। सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता और दहशत के कारण लोग मार्केट में आने से बच रहे हैं। साथ में ऑनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं।
सदर बाजार के व्यापारियों का कहना है कि नवंबर से फरवरी तक का समय उनके लिए साल का सबसे महत्वपूर्ण कारोबार सीजन माना जाता है। व्यापारियों को उम्मीद थी कि इस बार बिक्री पिछले सालों से बेहतर होगी, लेकिन धमाके के बाद हालात पूरी तरह बदल गए हैं। दुकानदारों का कहना है कि सोमवार को हुए विस्फोट की तेज आवाज और उससे पैदा हुई अफरातफरी ने खरीदारों को बाजार आने से रोक दिया है। नतीजा यह है कि भीड़ गायब हो गई है और बाजारों में ऑर्डर केवल व्हाट्सऐप और अन्य ऑनलाइन माध्यमों पर निर्भर हैं।
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लाजपत राय मार्केट के व्यापारी आशीष नरुला ने बताया कि विस्फोट के बाद से 75 फीसदी तक कारोबार प्रभावित हो गया है। उनका कहना है, “नवंबर से शादी की खरीदारी का समय शुरू होता है। देशभर से थोक खरीदार और ग्राहक यहां लाखों रुपये की खरीदारी करने आते हैं, लेकिन इस बार पूरा बाजार ठप पड़ा है। हालत यह है कि ग्राहक फोन और मैसेज के जरिए ही ऑर्डर दे रहे हैं, जिससे व्यापार पर गहरा असर पड़ रहा है।”
उधर चांदनी चौक के व्यापारी यश गोयल बताते हैं कि शादी के सीजन में यहां करोड़ों रुपये का कारोबार होता है, लेकिन धमाके के बाद बाजार में सूना माहौल है। वे बताते हैं, “इस बार खरीदारों की भीड़ तो दूर, सामान्य ग्राहक भी नजर नहीं आ रहे हैं। आतंकियों की ऐसी नजर लगी है कि पूरा बिजनेस थम सा गया है।”
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दिल्ली उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव हेमंत गुप्ता का कहना है कि बाजारों की स्थिति सामान्य होने में अभी एक सप्ताह और लग सकता है। उनके अनुसार अब तक दो दिन में ही राज्य की अर्थव्यवस्था को करीब 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। दिल्ली पूरे उत्तर भारत का प्रमुख थोक बाजार माना जाता है, ऐसे में यहां कारोबार पर आया व्यवधान कई राज्यों को प्रभावित करता है।
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने आशंका जताई है कि यह नुकसान 5,000 करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकता है। उनका कहना है कि धमाके के बाद जिस तरह बाजारों में दहशत का माहौल है, उससे खरीदारों की वापसी फिलहाल मुश्किल दिख रही है। धमाका स्थल से कुछ ही दूरी पर स्थित लाजपत राय मार्केट की 800 से अधिक दुकानें अभी भी बंद हैं, जबकि भागीरथ पैलेस, खारी बावली, दरीबा, नया बाजार और सदर बाजार में तीसरे दिन भी खरीदार नाम मात्र के ही दिखाई दे रहे हैं।