मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल को मिलेगा दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पीएम मोदी ने दी बधाई

मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस सम्मान पर बधाई दी। मोहनलाल का सिनेमा में योगदान अद्वितीय है और उनकी फिल्मी यात्रा ने उन्हें भारतीय सिनेमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 21 September 2025, 4:06 PM IST
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New Delhi: भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान, दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड 2023 के लिए मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता मोहनलाल को चुना गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की घोषणा की, जिसे मोहनलाल की बहुआयामी अभिनय प्रतिभा और भारतीय सिनेमा के प्रति उनके अमूल्य योगदान के लिए दिया जाएगा।

चार सौ से ज्यादा फिल्मों में किया काम

मोहनलाल का फिल्मी करियर 45 साल पुराना है और उन्होंने लगभग 400 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। उनकी कला, अभिनय के विविध आयाम और अथक मेहनत ने उन्हें भारतीय सिनेमा में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया। 23 सितंबर 2025 को 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में यह पुरस्कार उन्हें दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड मिलने पर बधाई दी। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मोहनलाल जी उत्कृष्टता और बहुमुखी प्रतिभा के प्रतीक हैं। उनका समृद्ध कॅरियर मलयालम सिनेमा और रंगमंच के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में स्थापित हुआ है। वे भारतीय संस्कृति और केरल की संस्कृति के प्रति अपनी गहरी निष्ठा रखते हैं। उनकी कला प्रेरणादायी और अद्वितीय है।" पीएम मोदी ने यह भी कहा कि मोहनलाल की उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्पद बनी रहेंगी।

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सिनेमा के सफर की शुरुआत

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के इस सुपरस्टार का जन्म 21 मई 1960 को पथानामथिट्टा में हुआ था। उनके पिता, विश्वनाथन नायर, एक सरकारी अधिकारी थे। मोहनलाल ने 1978 में अपनी फिल्मी यात्रा की शुरुआत की, लेकिन उनकी पहली प्रमुख भूमिका 1980 में आई फिल्म "मंजिल विरिंजा पूक्कल" में खलनायक के तौर पर थी। इसके बाद, 1986 में आयी फिल्म "राजविंते मकन" ने उन्हें मलयालम सिनेमा का पहला आधुनिक सुपरस्टार बना दिया।

पांच बार नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित

45 वर्षों के लंबे करियर में मोहनलाल ने न केवल मलयालम, बल्कि तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी शानदार अभिनय किया। उनकी एक्टिंग को सराहते हुए उन्हें 5 बार नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके अलावा, उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें 2001 में पद्म श्री और 2019 में पद्म भूषण जैसे सम्मान भी मिले।

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सिनेमा में उनका योगदान

मोहनलाल की अभिनय शैलि बहुआयामी रही है। उन्होंने न केवल एक अभिनेता के रूप में, बल्कि एक निर्माता और निर्देशक के रूप में भी सिनेमा की दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। उनके अभिनय में विविधता और गहरी समझ है, जो दर्शकों को हर बार नया अनुभव देती है। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा के इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।

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