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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा से डॉक्टर सज्जाद अहमद माला को आतंकवादी मॉड्यूल केस में हिरासत में लिया। डॉ उमर के करीबी दोस्त रहे सज्जाद से पूछताछ जारी है, जांच में नए सबूतों के आधार पर और गिरफ्तारियां संभव हैं। पुलिस अधिकारियों ने संकेत दिया है कि जांच आगे बढ़ने के साथ ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
इसी i20 कार में हुआ था ब्लास्ट
New Delhi: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े चल रहे मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलवामा जिले से डॉक्टर सज्जाद अहमद माला को हिरासत में लिया है। यह इस मामले में यह छठी गिरफ्तारी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सज्जाद अहमद माला को पूछताछ के लिए उठाया गया है और प्रारंभिक जांच में उनका नाम पहले से गिरफ्तार डॉ उमर के करीबी दोस्त के रूप में सामने आया है। जांच एजेंसियों का मानना है कि दोनों के बीच गहरे संबंध इस आतंकी मॉड्यूल की साजिश को समझने में अहम साबित हो सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले कुछ हफ्तों में इस नेटवर्क से जुड़े कई डॉक्टरों और पेशेवरों को हिरासत में लिया है। पुलवामा से हुई इस नई कार्रवाई के साथ अब तक छह लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा जा चुका है, जिनमें पांचवें डॉक्टर को कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश से हिरासत में लिया गया था। पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क राज्य की सीमाओं से बाहर तक फैला हुआ है और इसका उद्देश्य आतंकवादी गतिविधियों को लॉजिस्टिक व आर्थिक मदद मुहैया कराना था।
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सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार डॉक्टर सज्जाद अहमद माला और डॉ उमर के बीच लंबे समय से दोस्ती थी। दोनों मेडिकल समुदाय में एक-दूसरे के संपर्क में थे और कई बार साथ यात्रा भी की थी। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि इन दोनों के बीच कई बार संदिग्ध बातचीत हुई थी, जिसके बाद सज्जाद अहमद पर शक की सुई गई। अब पुलिस इन बातचीतों और डिजिटल रिकॉर्ड की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनका संबंध किसी आतंकवादी संगठन से तो नहीं था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में मिले डिजिटल सबूतों और फोन कॉल डिटेल्स ने इस कार्रवाई की दिशा तय की। यह मामला अब जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के अधीन है। अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान लगातार नए लीड्स मिल रहे हैं और आने वाले दिनों में कुछ और लोगों को भी हिरासत में लिया जा सकता है।
डॉ सज्जाद अहमद माला से पूछताछ पुलवामा के एक सुरक्षित स्थान पर की जा रही है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या सज्जाद किसी आतंकी संगठन को आर्थिक मदद या मेडिकल सहायता प्रदान कर रहे थे। जांचकर्ता यह भी पता लगाने में जुटे हैं कि क्या यह नेटवर्क किसी बड़े आतंकी प्लान का हिस्सा था या यह केवल सहयोगी स्तर पर काम कर रहा था।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को भी इस जांच में शामिल किया गया है। दोनों एजेंसियां इस मॉड्यूल के लिंक और विदेशी फंडिंग के संभावित स्रोतों की जांच कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, अब जांच दिल्ली, उत्तर प्रदेश और कश्मीर के कई जिलों तक फैलाई जा रही है।
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पुलिस अधिकारियों ने संकेत दिया है कि जांच आगे बढ़ने के साथ ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि इस नेटवर्क के कुछ सदस्य देश के बाहर से भी संचालित हो रहे थे, जिनसे ऑनलाइन संपर्क साधा गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि यह मामला “राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से जुड़ा गंभीर अपराध” है और किसी भी व्यक्ति को बिना पुख्ता सबूतों के हिरासत में नहीं लिया जा रहा। पुलिस ने जनता से अफवाहों से बचने और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अपील की है।