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दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में बड़ा मोड़ आया है। NIA ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में छापेमारी कर आतंकी डॉ. उमर के ड्राइवर को हिरासत में लिया और खंडावली गांव से उसकी लाल इकोस्पोर्ट कार बरामद की। जांच अब यूनिवर्सिटी नेटवर्क पर केंद्रित है।
लाल किला ब्लास्ट का रहस्य सुलझा
New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए भयानक कार धमाके ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हुई और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। घटना के बाद से जांच एजेंसियां लगातार सुराग तलाशने में जुटी हैं। अब इस केस में एक बड़ा मोड़ आया है। बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और स्थानीय पुलिस की टीम ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में छापा मारा।
जांच टीम ने आतंकी डॉ. उमर उन नबी के करीबी लोगों से पूछताछ की, जो हाल ही में दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। पूछताछ में डॉ. उमर के ड्राइवर से चौंकाने वाली जानकारी मिली। ड्राइवर ने बताया कि उसने डॉ. उमर की लाल रंग की इकोस्पोर्ट कार फरीदाबाद के खंडावली गांव में अपनी बहन के घर पर छिपा रखी है।
जानकारी मिलते ही NIA और स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। वहां एक प्लॉट में वही कार बरामद की गई। शक के आधार पर NSG, CFSL और बम डिस्पोजल स्क्वायड को बुलाया गया। विशेषज्ञ टीमों ने करीब 7 घंटे तक वाहन की तलाशी ली। हालांकि कार में कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली, लेकिन कई फॉरेंसिक सैंपल इकट्ठे किए गए हैं।
लालकिले के पास हुआ धमाका
जांच में यह भी सामने आया कि जिस प्लॉट में कार खड़ी थी, वह वाहिद नामक व्यक्ति का था, जिसकी अब मौत हो चुकी है। उस घर में वर्तमान में वाहिद का रिश्तेदार फम्मू रहता है, जो ड्राइवर का जीजा बताया जा रहा है। एजेंसियां अब फम्मू और उसके परिवार से पूछताछ कर रही हैं ताकि डॉ. उमर के नेटवर्क और उसकी गतिविधियों की जानकारी मिल सके।
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फिलहाल NIA ने ड्राइवर को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ शुरू कर दी है। एजेंसी यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या लाल किले के धमाके में इस्तेमाल वाहन या विस्फोटक सामग्री का कोई लिंक इस कार से जुड़ा हुआ है।
जांच एजेंसियों की नजर अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर टिकी है। बताया जा रहा है कि धमाके से जुड़े चार डॉक्टर डॉ. उमर, डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन शाहिद और डॉ. निसार का इस यूनिवर्सिटी से सीधा संबंध रहा है। यही वजह है कि एजेंसियां अब यूनिवर्सिटी की भर्ती प्रक्रिया और नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं।
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सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में यूनिवर्सिटी के कई प्रोफेसर और छात्रों से भी पूछताछ की जाएगी। जांच एजेंसियों का कहना है कि फिलहाल दिल्ली ब्लास्ट की तहकीकात फरीदाबाद के इस मेडिकल संस्थान के इर्द-गिर्द सिमटती जा रही है।