

दिल्ली में वकीलों का आक्रोश चरम पर है, दिल्ली के सभी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एलजी द्वारा हाल ही में जारी की गई नोटिफिकेशन के खिलाफ वकीलों ने मौर्चा खोल दिया हैं। पिछले छह दिनों से वकीलों की हड़ताल जारी है। दिल्ली एलजी के नोटिफिकेशन का वकील विरोध कर रहे हैं जिसमें पुलिस को थानों से अदालतों में सबूत पेश करने की इजाजत दी गई है। तीस हजारी कोर्ट से देखिये डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता रोहित गोयल की ग्राउंड रिपोर्ट
New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में वकीलों का आक्रोश चरम पर है, दिल्ली के सभी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एलजी द्वारा हाल ही में जारी की गई नोटिफिकेशन के खिलाफ वकीलों ने मौर्चा खोल दिया हैं। पिछले छह दिनों से वकीलों की हड़ताल जारी है। दिल्ली एलजी के नोटिफिकेशन का वकील विरोध कर रहे हैं जिसमें पुलिस को थानों से अदालतों में सबूत पेश करने की इजाजत दी गई है। दिल्ली बार एसोसिएशन ने बुधवार (27 अगस्त) को एक नोटिस जारी करते हुए हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी वकील न तो कोर्ट में फिजिकल या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही में भाग लेंगे।
ग्राउंड रिपोर्ट में जानें ताजा हालात
डाइनामाइट न्यूज़ की टीम गुरुवार को तीस हजारी कोर्ट पहंची, जहां बड़ी संख्या में वकीलों ने कोर्ट के बाहर और अंदर नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला और एलजी के खिलाफ जमकर नारेबजी की। वकीलों का कहना था कि इस आदेश के लागू होने से न्याय प्रणाली पूरी तरह चरमरा जाएगी। वकीलों ने कहा थानों में दर्ज होने वाली कितनी रिपोर्ट झूठी और कितनी सच्ची होती है, यह सब जानते है। ऐसे में अगर पुलिसकर्मी से केस के संबंध में जबतक जज के सामने वकील सवाल जबाव नहीं करेगा तो सच कैसे सामने आएगा।
आश्वासन से काम नहीं चलेगा
उन्होंने कहा कि आश्वासन तो बहुत आए, लेकिन हमने ये ठानी है कि केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा। जब तक इस अध्यादेश को रोका नहीं जाता है, हमारी हड़ताल नहीं रुकेगी। 15 जुलाई 2024 को भारत सरकार के गृह सचिव का जो सर्कुलर है, हम चाहते हैं कि उसी का पालन हो।
दिल्लीवालों के लिए लड़ाई
दिल्ली के वकीलों की लड़ाई हर उस व्यक्ति के लिए है जिस पर क्रिमिनल केस चल रहा है। ये अध्यादेश उन्हें संविधान से मिलने वाले मौलिक अधिकारों का हनन है। ये जो लड़ाई दिल्ली के वकील लड़ रहे हैं वो आने वाली पीढ़ी के लिए है।
उपराज्यपाल की अधिसूचना के खिलाफ अधिवक्ताओं का विरोध लगातार तेज हो रहा है। मंगलवार को भी दिल्ली की सातों जिला अदालतों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा और हजारों मामलों की सुनवाई टल गई।