

कुछ हफ्तों से दुनिया के कई देशों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं और अब भारत में भी इसका असर दिखने लगा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
कोरोना (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले देशभर में तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों से दुनिया के कई देशों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं और अब भारत में भी इसका असर दिखने लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में 22 मई को जहां कुल 257 सक्रिय मरीज थे, वहीं 10 दिनों के भीतर यह आंकड़ा बढ़कर 3395 पहुंच गया है। बीते 24 घंटों में 685 नए केस सामने आए हैं और चार लोगों की मौत हुई है।
केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में हालात चिंताजनक
देश के कुछ राज्यों में कोरोना का असर ज्यादा दिख रहा है। केरल में फिलहाल 1336 एक्टिव केस हैं, जो देश में सबसे अधिक हैं। वहीं महाराष्ट्र में 467 और दिल्ली में 375 मरीज इलाजरत हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही इस बार फैलने वाला वैरिएंट पहले की तुलना में कम गंभीर है, लेकिन इसकी संक्रमण दर अधिक है, जिससे अधिक लोगों के चपेट में आने की संभावना बनी हुई है।
बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए ज्यादा खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार का कोरोना वैरिएंट उन लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक साबित हो सकता है जो पहले से किसी गंभीर बीमारी, जैसे डायबिटीज, हृदय रोग, या सांस की बीमारियों से पीड़ित हैं। साथ ही 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं भी संक्रमण के बाद गंभीर लक्षणों का सामना कर सकते हैं।
हाल ही में दर्ज की गई मौतों में यह साफ देखने को मिला है कि मृतकों में पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग ही शामिल थे। महाराष्ट्र में एक 67 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई, जिसे एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, निमोनिया और मधुमेह की शिकायत थी। वहीं 21 वर्षीय एक युवक की जान गई जो डायबिटिक कीटोएसिडोसिस से पीड़ित था और बाद में उसमें श्वसन तंत्र का संक्रमण भी विकसित हो गया था।
संक्रमण से बचाव है सबसे बेहतर उपाय
पुणे स्थित एक निजी अस्पताल में कार्यरत क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. उपेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार फैल रहे ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट्स में नए म्यूटेशन देखने को मिले हैं, जिससे ये वायरस शरीर में बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देकर संक्रमण फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, "जिन लोगों की इम्युनिटी मजबूत है, उन्हें भले ही गंभीर लक्षण न हों, लेकिन वे वायरस के वाहक बन सकते हैं और दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं।"
डॉ. सिंह ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि हर व्यक्ति को संक्रमण से बचाव के उपाय जैसे मास्क पहनना, भीड़ से बचना, हाथों की सफाई और बीमार महसूस होने पर आइसोलेशन जैसे नियमों का पालन करना चाहिए।
कोरोना अभी गया नहीं है
विशेषज्ञ लगातार यह कह रहे हैं कि भले ही कोरोना की तीव्रता अब पहले जैसी नहीं रही, लेकिन यह अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इसकी बदलती रूपरेखा और नए म्यूटेशन इसे बार-बार उभरने की शक्ति देते हैं। इसलिए जरूरी है कि लोग लापरवाही न बरतें और समय-समय पर स्वास्थ्य संबंधी सलाह का पालन करते रहें।
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