टीचर्स डे पर दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने शिक्षकों से किया ये आग्रह, जानें क्या सिखाने के लिए कहा

दिल्ली की CM रेखा गुप्ता ने शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षकों से अपील की कि वे छात्रों को केवल शैक्षणिक ज्ञान तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, स्वदेशी जीवनशैली और पर्यावरण संरक्षण से भी जोड़ें।

Post Published By: Mrinal Pathak
Updated : 4 September 2025, 4:48 PM IST
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New Delhi: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि वे केवल किताबों की पढ़ाई तक सीमित न रहें, बल्कि छात्रों को भारतीय संस्कृति, स्वदेशी जीवनशैली और पर्यावरण संरक्षण से भी जोड़ें। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही वे मार्गदर्शक होते हैं, जो बच्चों को न केवल एक बेहतर इंसान, बल्कि जिम्मेदार नागरिक और प्रभावी नेता बना सकते हैं।

स्वदेशी का सही अर्थ समझाना जरूरत

रेखा गुप्ता ने कहा कि आज के समय में बच्चों को स्वदेशी का सही अर्थ समझाना बेहद जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हम विदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं, तो इसका असर हमारे स्थानीय व्यवसायों और कारीगरों पर पड़ता है। इसलिए शिक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि वे छात्रों को स्थानीय उत्पादों और स्वदेशी जीवनशैली के महत्व से अवगत कराएं। यह केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक अहम कदम होगा।

पर्यावरण संरक्षण पर भी दिया जोर

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण को भी प्रमुख मुद्दा बताया। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे बच्चों को जल संरक्षण, वृक्षारोपण, नदियों और पहाड़ों के महत्व के बारे में शिक्षा दें। इससे छात्रों में प्रकृति के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अगर बचपन से ही बच्चों में प्रकृति के लिए सम्मान और जिम्मेदारी की भावना विकसित की जाए, तो वे भविष्य में पर्यावरण रक्षक बन सकते हैं।

दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता (Img: Rekha Gupta/X)

शहर को संवारने की जिम्मेदारी

रेखा गुप्ता ने दिल्ली की समस्याओं पर बात करते हुए कहा कि खासतौर पर यमुना नदी की स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा, "अगर यमुना मेरे सामने आए, तो मैं उससे माफी मांगना चाहूंगी, क्योंकि हमने इसे इस हाल में पहुंचाया है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि दिल्ली को एक बेहतर शहर बनाने के लिए केवल सरकार नहीं, बल्कि हर नागरिक को अपनी भूमिका निभानी होगी।

उन्होंने कहा कि लोग अक्सर सरकार को दोष देते हैं, लेकिन बदलाव सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। छोटे-छोटे कदम जैसे स्वच्छता बनाए रखना, पानी की बचत करना और हरियाली बढ़ाना इनसे बड़ा फर्क आ सकता है।

शिक्षकों को बताया समाज के असली निर्माता

अपने भाषण के अंत में मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षक न केवल विद्यार्थियों का भविष्य बनाते हैं, बल्कि पूरे देश का भविष्य गढ़ते हैं। उन्होंने अपील की कि शिक्षक बच्चों में स्वदेशी सोच, सांस्कृतिक जुड़ाव और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को विकसित करें, ताकि भारत का भविष्य संस्कृति और प्रकृति से जुड़ा हुआ रहे।

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