समंदर पर बिछा चमत्कार! जानिए किसने बनाया भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल

भारत ने एक और इंजीनियरिंग चमत्कार रच दिया है अटल सेतु, जिसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) के नाम से भी जाना जाता है, देश का सबसे लंबा समुद्री पुल बन गया है। यह पुल न केवल अपनी लंबाई के कारण चर्चा में है, बल्कि इसके निर्माण में लगी दुनिया की टॉप इंजीनियरिंग कंपनियों, इसके रणनीतिक महत्व और आर्थिक प्रभाव के चलते भी यह ऐतिहासिक बन चुका है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 22 July 2025, 3:54 PM IST
google-preferred

New Delhi: भारत ने एक और इंजीनियरिंग चमत्कार रच दिया है अटल सेतु, जिसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) के नाम से भी जाना जाता है, देश का सबसे लंबा समुद्री पुल बन गया है। यह पुल न केवल अपनी लंबाई के कारण चर्चा में है, बल्कि इसके निर्माण में लगी दुनिया की टॉप इंजीनियरिंग कंपनियों, इसके रणनीतिक महत्व और आर्थिक प्रभाव के चलते भी यह ऐतिहासिक बन चुका है।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद्घाटन जनवरी 2024 में किया था। इसकी कुल लंबाई 21.8 किलोमीटर है, जिसमें से 16.5 किलोमीटर समुद्र के ऊपर और 5.5 किलोमीटर जमीन पर फैला हुआ है। 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बने इस मेगा प्रोजेक्ट ने मुंबई के ट्रैफिक और कनेक्टिविटी सिस्टम को पूरी तरह बदल दिया है।

किसने बनाया यह अद्भुत पुल?

इस विशालकाय परियोजना को दो हिस्सों में विभाजित किया गया था। सेवरी (मुंबई की ओर) के हिस्से और उससे जुड़े जमीन के काम की जिम्मेदारी भारत की मशहूर कंपनी लार्सन एंड टर्बो (L&T) और जापान की आईएचआई इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम्स (IHI) को सौंपी गई थी। वहीं नवी मुंबई की ओर के हिस्से का निर्माण दक्षिण कोरिया की डेवू इंजीनियरिंग (Daewoo Engineering) और भारत की टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (Tata Projects Ltd) ने मिलकर किया।इस तरह, अटल सेतु एक इंटरनेशनल कोलेबरेशन और भारतीय इंजीनियरिंग की ताकत का मिलाजुला उदाहरण है।

अटल सेतु क्यों है इतना अहम?

अटल सेतु का महत्व सिर्फ इसके निर्माण तक सीमित नहीं है, यह मुंबई महानगर क्षेत्र की लाइफलाइन बनकर उभरा है। इस पुल से मुंबई और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स के बीच सफर आसान और तेज हो गया है। पुणे, गोवा और दक्षिण भारत तक पहुंचने का समय घट गया है। मुंबई पोर्ट और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट के बीच संपर्क पहले से कहीं बेहतर हुआ है। इन सुधारों के चलते यह पुल अब वाणिज्य, व्यापार और उद्योगों के लिए एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर बेस तैयार कर रहा है।

इंजीनियरिंग का कमाल

अटल सेतु को आधुनिक सुरक्षा और तकनीक से लैस किया गया है। यह द्विदिशा (Bi-directional) ट्रैफिक को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसमें मौसम की कठिन परिस्थितियों को झेलने की क्षमता भी है। रात में विजिबिलिटी बेहतर रखने के लिए हाई-टेक लाइटिंग सिस्टम, और सुरक्षा के लिए CCTV निगरानी प्रणाली भी लगाई गई है।

नए भारत की तस्वीर

अटल सेतु सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि भारत की नई विकास गाथा का प्रतीक है। यह दिखाता है कि अब भारत बुनियादी ढांचे में आत्मनिर्भरता, तकनीकी कौशल और वैश्विक सहयोग से विकास के नए आयाम तय कर रहा है।

Location : 

Published : 

No related posts found.