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एक शादी के दौरान दूल्हे ने 51 लाख रुपये का दहेज लेने से इनकार कर दिया और सिर्फ एक रुपये में शादी की। यह कदम दहेज प्रथा के खिलाफ एक ऐतिहासिक पहल साबित हो रहा है। मुजफ्फरनगर पंचायत के प्रभाव से दूल्हे ने समाज में बदलाव लाने की कोशिश की।
ठुकराया 51 लाख रुपये का दहेज
Bulandshahr: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक शादी समारोह के दौरान दूल्हे ने दहेज के खिलाफ एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया। दूल्हे ने 51 लाख रुपये दहेज में दिए जाने की पेशकश को ठुकराते हुए सिर्फ एक रुपये में शादी करने का फैसला लिया। यह घटना समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
इस घटना का आगाज मथुरा की रहने वाली कृष्ण और बुलंदशहर के विवेक के विवाह से हुआ। जब कृष्ण के परिवार ने दूल्हे को 51 लाख रुपये नकद और अन्य सामान देने की पेशकश की, तो विवेक ने इसे सख्त तौर पर ठुकरा दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह बिना दहेज के शादी करेंगे और सिर्फ एक रुपये की कीमत पर शादी संपन्न करेंगे। यह कदम दूल्हे द्वारा समाज में बदलाव लाने की एक पहल थी, जिसने सभी को हैरान कर दिया।
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विवेक के भाई, पिंटू चौधरी ने बताया कि इस फैसले से पहले मुजफ्फरनगर में एक पंचायत का आयोजन किया गया था। इस पंचायत में यह तय किया गया था कि लोग दहेज से मुक्त विवाह करेंगे और मृत्यु भोज जैसी कुरीतियों से भी बचेंगे। इस पंचायत के बाद, विवेक और उनके परिवार ने दहेज का विरोध करते हुए समाज में बदलाव लाने के लिए यह कदम उठाया।
इस फैसले पर दुल्हन के परिवारवाले चौंक गए, लेकिन बाद में उन्होंने दूल्हे के इस फैसले की सराहना की और उसे समर्थन दिया।
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पिंटू चौधरी ने कहा, "हमने लड़की वालों द्वारा दिए गए 51 लाख रुपये को सम्मानपूर्वक लौटाया और एक रुपये में शादी की। हम चाहते हैं कि समाज में यह संदेश जाए कि दहेज के बिना भी शादी संभव है और यह नई शुरुआत हो सकती है।" इस कदम से यह स्पष्ट हुआ कि समाज में दहेज जैसी कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाने की जरूरत है और इस शादी ने एक सकारात्मक दिशा में कदम बढ़ाने की प्रेरणा दी है।
शादी के दौरान दूल्हे ने जो एक रुपये की राशि स्वीकार की, वह सिर्फ एक प्रतीकात्मक राशि थी, जो यह दर्शाती है कि दहेज के बिना भी एक रिश्ता और शादी निभाई जा सकती है। यह दहेज प्रथा के खिलाफ एक जोरदार संदेश था, जिसे दूल्हे और उनके परिवार ने पूरी जिम्मेदारी से निभाया।