सोनभद्र में गूंजा बम-बम भोले, हजारों कांवरियों ने किया अचलेश्वर महादेव का जलाभिषेक

सावन के दूसरे सोमवार को सोनभद्र में निकली भव्य कांवर यात्रा में हजारों शिवभक्तों ने भाग लिया। श्रद्धालुओं ने सोन नदी का जल लेकर 10 किमी पैदल चलकर अचलेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया।

Updated : 21 July 2025, 3:03 PM IST
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Sonbhadra: सावन के दूसरे सोमवार को सोनभद्र जिले में शिवभक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला। डाला स्थित प्राचीन अचलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस मौके पर महादेव सेवा समिति और हर हर महादेव कांवर सेवा समिति द्वारा भव्य कांवर यात्रा और जलाभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें हज़ारों शिवभक्तों ने भाग लिया।

सुबह 6:00 बजे जैसे ही यात्रा का शुभारंभ हुआ, सोन नदी तट पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। शिवभक्तों ने पवित्र सोन नदी का जल अपने कलशों में भरकर सिर पर रखा और नंगे पांव "बोल बम" का जाप करते हुए 10 किलोमीटर लंबी दूरी तय कर डाला अचलेश्वर मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने बेलपत्र, धतूरा, भांग और फूल चढ़ाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया।

शिव भक्ति में डूबे श्रद्धालु

पूरे रास्ते में शिवभक्ति के रंग दिखाई दिए। भक्ति गीतों पर झूमते, हर हर महादेव के जयघोष करते श्रद्धालु पूरे माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भरते नजर आए। मंदिर परिसर तीन घंटे तक 'बम बम भोले' और 'हर हर महादेव' की गूंज से गूंजता रहा। भक्तों की लंबी कतारें मंदिर के बाहर सुबह से ही लग गई थीं, और हर कोई भगवान शिव के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करने को उत्सुक दिखा।

झांकी और सेवा का अनोखा संगम

यात्रा के दौरान भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की भव्य झांकी भी निकाली गई, जिसे देखने के लिए स्थानीय लोग रास्तों में उमड़ पड़े। कांवरियों की सेवा में कोई कमी न हो, इसके लिए सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों द्वारा जगह-जगह पानी, फल और मिठाइयों की व्यवस्था की गई।

Kanwar Yatra

डाला में निकली भव्य कांवर यात्रा और झांकी

विशेष सेवा सीनियर रेलवे टीटीई और उनकी टीम द्वारा की गई, जिन्होंने कांवरियों की थकान मिटाने के लिए उन्हें फल व जलपान कराया। डाला क्षेत्र में हर हर महादेव कांवर सेवा समिति के अंशु पटेल, अनिकेत श्रीवास्तव, गोविंद भारद्वाज, अवनीश पाण्डेय, विनीत पाण्डेय, और अन्य सदस्यों ने भी पूरे रास्ते में सेवा करते हुए श्रद्धालुओं को पानी पिलाया और पुष्प वर्षा की।

धूप और उमस पर भारी पड़ी आस्था

तेज धूप और उमस के बावजूद श्रद्धालुओं के जोश और भक्ति में कोई कमी नहीं आई। पूरा रास्ता शिवभक्ति में रंगा नजर आया। श्रद्धालुओं ने बताया कि यह यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति का अनुभव भी कराती है।

सावन के दूसरे सोमवार को डाला स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर में हुआ यह आयोजन सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि जनसहभागिता, सेवा, और भक्ति का अद्भुत संगम था। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि भक्ति और समर्पण के आगे कोई मौसम, दूरी या कठिनाई मायने नहीं रखती। श्रद्धालुओं की श्रद्धा ने सावन को सच में शिवमय बना दिया।

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