

वजन कम करने और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए सिर्फ एक्सरसाइज और कैलोरी कंट्रोल पर्याप्त नहीं होते। इंसुलिन का नियंत्रण, सूजन को कम करना और मानसिक दृष्टिकोण में बदलाव ये तीन महत्वपूर्ण कदम हैं, जो आपके वजन घटाने और स्वस्थ जीवन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर आप डायबिटीज, थायरॉयड, पीसीओडी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो इन बदलावों को अपनी जीवनशैली में शामिल करना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
प्रतीकात्मक फोटो
New Delhi: आजकल बहुत से लोग वजन बढ़ने, डायबिटीज, थायरॉयड और पीसीओडी (Polycystic Ovary Syndrome) जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इन समस्याओं के साथ अगर कोई हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहता है तो यह समझना जरूरी है कि केवल कैलोरी कंट्रोल और वेट लॉस एक्सरसाइज से वजन नहीं घट सकता है। शरीर के अंदर मौजूद हार्मोनल इम्बैलेंस खासकर इंसुलिन रेजिस्टेंस भी वजन बढ़ने का मुख्य कारण हो सकता है।
आइए जानते हैं कि इन समस्याओं से जूझ रहे लोग हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए क्या खास कदम उठा सकते हैं, जिससे उनका वजन भी नियंत्रित हो और शरीर में हार्मोनल बैलेंस भी सुधर सके।
इंसुलिन को कंट्रोल में रखना
वजन बढ़ने का मुख्य कारण अक्सर इंसुलिन का असंतुलित स्तर होता है। जब हम ज्यादा शुगर और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स खाते हैं तो शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि इंसुलिन शरीर में फैट को स्टोर करने का काम करता है, जिससे वजन बढ़ता है।
कैसे करें इंसुलिन को कंट्रोल
शुगर और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन कम करें: रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स, जैसे कि मैदा से बनी चीजें (वाइट ब्रेड, कुलचा, भटूरे, केक) शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाती हैं। इनका सेवन कम करने से इंसुलिन का स्तर नियंत्रित रहता है।
प्रोसेस्ड फूड्स से बचें: पैकेज्ड फूड्स, सिरप और सीरियल्स में शुगर की अधिकता होती है। इससे इंसुलिन का स्तर बढ़ सकता है जो वजन बढ़ने का कारण बनता है।
फ्रुक्टोज का सेवन सीमित करें: मीठे फल, ड्राई फ्रूट्स जैसे अंजीर, किशमिश, हनी आदि में उच्च मात्रा में फ्रुक्टोज पाया जाता है। जिससे इंसुलिन के स्तर में वृद्धि हो सकती है।
बार-बार खाना खाने से भी इंसुलिन का स्तर बढ़ता है। इसलिए कम खाने की आदत को अपनाना चाहिए और भोजन के बीच पर्याप्त समय का अंतराल रखना चाहिए।
इंफ्लेमेशन (सूजन) को कम करना
इंफ्लेमेशन (सूजन) शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है और यह हमारी हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। जब शरीर में सूजन होती है तो शरीर के अंगों और कोशिकाओं की कार्यक्षमता कम हो जाती है और शरीर में फैट स्टोर होने लगता है। सूजन के कारण शरीर के मेटाबॉलिज्म पर भी असर पड़ता है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स का सेवन करें
फल, सब्जियां और साबुत अनाज में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। ये फूड्स शरीर के अंदर सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और शरीर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, जो मछली, अलसी, चिया बीज और अखरोट में पाए जाते हैं। शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
माइंडसेट को चेंज करना
हमारा माइंडसेट और मानसिक स्थिति हमारी सेहत और वजन कम करने के लक्ष्य में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर हमारा माइंडसेट सही है तो हम अपने गोल्स को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। मानसिक दृष्टिकोण का सकारात्मक होना बहुत जरूरी है ताकि हम अपनी आदतों और सोच को बदल सकें।
कैसे बदलें अपना माइंडसेट
सकारात्मक सोच को अपनाएं: मानसिक तौर पर खुद को हेल्दी और फिट मानना आपके प्रयासों को सही दिशा में ले जाता है। सकारात्मक सोच से न केवल आपकी सेहत बेहतर होती है, बल्कि आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की ताकत भी मिलती है।
स्वस्थ आदतों की शुरुआत करें
अपने दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव लाकर आप बड़े लक्ष्यों की ओर बढ़ सकते हैं। सही खानपान, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद लेने की आदत डालें।
लक्ष्य को छोटे हिस्सों में बांटें
जब आप बड़े लक्ष्यों के बारे में सोचते हैं, तो डर और चिंता महसूस हो सकती है। इसे छोटे हिस्सों में बांटकर हर छोटे लक्ष्य को पूरा करें और अपनी सफलता का जश्न मनाएं।