

दीपावली के अगले दिन 22 अक्टूबर को मनाई जाने वाली गोवर्धन पूजा अन्नकूट का पर्व भी है। इस दिन प्रकृति और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना का महत्व है। जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और संतान सुख, सौभाग्य व धन वृद्धि के लिए विशेष उपाय।
गोवर्धन पूजा विधि
New Delhi: पांच दिवसीय दीपावली पर्व के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व श्रीकृष्ण द्वारा प्रकृति की पूजा का संदेश विश्व को देने का दिन माना जाता है। इस साल गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर, 2025 को मनाई जाएगी।
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे से प्रारंभ होकर 22 अक्टूबर शाम 8:16 बजे समाप्त होगी। पारंपरिक मान्यता के अनुसार पूजा का समय तब उचित माना जाता है, जब ना अंधेरा हो और ना सूर्य अपनी किरणें बिखेर चुका हो।
गोवर्धन पूजा और अन्नकूट की परंपरा शास्त्रों और वेदों में प्रकट होती है। इस दिन वरुण, इन्द्र, अग्निदेव आदि देवताओं की पूजा का विधान है। कथा अनुसार देवराज इन्द्र ने कुपित होकर सात दिन लगातार वर्षा कर दी थी। तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत अपनी अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों को सुरक्षित किया और इन्द्र को क्षमायाचना करनी पड़ी।
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा प्रकृति पूजन का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि इंसान तभी सुखी रह सकता है जब वह प्रकृति और वातावरण को प्रसन्न रखे।
इस वर्ष गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:30 बजे से 08:47 बजे तक रहेगा। इस दौरान प्रीति योग और लक्ष्मी योग भी हैं, जो पूजा पाठ और मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी माने जाते हैं।
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