Bhai Dooj 2025: भाई दूज पर होगी भगवान चित्रगुप्त की पूजा; जानें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व

भाई दूज के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन कलम और दावत के साथ पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले देवता की पूजा की जाती है। पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और आवश्यक सामग्री को जानकर करें सही विधि से इस पुण्य कार्य का लाभ।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 21 October 2025, 12:33 PM IST
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New Delhi: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है, जिसे आमतौर पर भाई दूज भी कहा जाता है। यह दिन विशेष रूप से कायस्थ समाज के लोगों द्वारा मनाया जाता है। भगवान चित्रगुप्त को पाप और पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाला देवता माना जाता है।

इस दिन पूजा को मास्यधार पूजा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें कलम और दावत का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक पूजा करता है उसका ज्ञान, बुद्धि और व्यवसाय में सफलता बढ़ती है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर को रात 8:16 बजे शुरू होगी और 23 अक्टूबर को रात 10:46 बजे समाप्त होगी। इस वर्ष पूजा का मुख्य मुहूर्त इस प्रकार है:

दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक।

इस समय पर पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

Bhai Dooj 2025

भाई दूज का महत्व

पूजा की विधि और सामग्री

पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और पूजा स्थल को स्वच्छ रखना आवश्यक है। एक लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं।

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भोग और अन्य सामग्री:

  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी)
  • हल्दी, चंदन, फूल, फल, मिठाई
  • कलम और दावत
  • सफेद कागज

पूजा में कागज पर हल्दी से “श्री गणेशाय नमः” लिखें और उसी कलम से “ॐ चित्रगुप्ताय नमः” मंत्र 11 बार लिखें। पूजा के बाद कलम और दावत का उपयोग सामान्य कार्यों में न करें, बल्कि इसे सुरक्षित स्थान पर रखें।

पूजा का महत्व

भगवान चित्रगुप्त को पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाला देवता माना जाता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के ज्ञान और बुद्धि को बढ़ाना है। साथ ही कुछ लोग व्यवसाय में सफलता और निर्णय क्षमता के लिए भी इस दिन चित्रगुप्त जी की पूजा करते हैं।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा विधिपूर्वक करने से घर और जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। साथ ही यह पर्व भाई-बहन के रिश्तों को और मजबूत बनाता है, क्योंकि भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं।

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  • New Delhi

Published : 
  • 21 October 2025, 12:33 PM IST