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एक बेहद छोटा लेकिन रोचक पौधा, वॉटरमील जिसे वैज्ञानिक भाषा में Wolffia कहा जाता है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिए इसकी विशेषताएं और खासियत
वॉटरमील (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: धरती पर जीवन की विविधता चौंकाने वाली है—और इसी विविधता में शामिल है एक बेहद छोटा लेकिन रोचक पौधा, वॉटरमील (Watermeal), जिसे वैज्ञानिक भाषा में Wolffia कहा जाता है। यह दुनिया का सबसे छोटा पुष्पीय पौधा (flowering plant) है, जो न तो किसी तने से जुड़ा होता है, न ही इसकी कोई जड़ होती है।
कहां मिलता है वॉटरमील?
डाइनामइट न्यूज़ संवाददाता केअनुसार, वॉटरमील मुख्य रूप से खड़े या धीमे बहते मीठे पानी में पाया जाता है, जैसे तालाब, झील, धान के खेत और नहरें। यह भारत सहित एशिया, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई महाद्वीपों में देखा गया है।
वाटरमील प्लांट की विशेषताएं
आकार में बेहद छोटा
इस पौधे का आकार इतना छोटा होता है कि एक चुटकी में सैकड़ों पौधे समा जाते हैं। आम तौर पर यह 0.5 से 1 मिमी के बीच होता है, जो इसे नंगी आंखों से देखना भी मुश्किल बना देता है। इसकी सतह पर कभी-कभी एक बारीक पीला फूल भी दिखाई देता है, जो इसे तकनीकी रूप से "फूलदार पौधा" बनाता है।
तैरता है, डूबता नहीं
वॉटरमील की सबसे दिलचस्प विशेषता है कि यह पूरी तरह पानी की सतह पर तैरता है। इसकी कोशिकाओं में हवा भरी होने से यह डूबता नहीं है। न जड़, न तना, बस एक छोटी हरी 'दाल' जैसी संरचना—यही इसका पूरा शरीर है।
पोषण से भरपूर, भविष्य का सुपरफूड?
वैज्ञानिकों ने पाया है कि वॉटरमील में प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक होती है। यही कारण है कि कई जगहों पर इसे आहार पूरक (protein-rich supplement) के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में इसे खाया भी जाता है।
पर्यावरण के लिए वरदान
यह नन्हा पौधा न केवल भोजन का विकल्प बन सकता है, बल्कि यह पानी को साफ करने, पोषक तत्वों को सोखने और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में भी मदद करता है। छोटा जरूर है, लेकिन वॉटरमील प्रकृति के अद्भुत चमत्कारों में से एक है। यह दिखने में मामूली हो सकता है, पर इसकी उपयोगिता और वैज्ञानिक महत्व असाधारण है।