Watermeal: न माटी चाहिए, न जड़ें! जानिए इस अद्भुत पौधे की खासियत

एक बेहद छोटा लेकिन रोचक पौधा, वॉटरमील जिसे वैज्ञानिक भाषा में Wolffia कहा जाता है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिए इसकी विशेषताएं और खासियत

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 20 May 2025, 3:52 PM IST
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नई दिल्ली: धरती पर जीवन की विविधता चौंकाने वाली है—और इसी विविधता में शामिल है एक बेहद छोटा लेकिन रोचक पौधा, वॉटरमील (Watermeal), जिसे वैज्ञानिक भाषा में Wolffia कहा जाता है। यह दुनिया का सबसे छोटा पुष्पीय पौधा (flowering plant) है, जो न तो किसी तने से जुड़ा होता है, न ही इसकी कोई जड़ होती है।

कहां मिलता है वॉटरमील?

डाइनामइट न्यूज़ संवाददाता केअनुसार, वॉटरमील मुख्य रूप से खड़े या धीमे बहते मीठे पानी में पाया जाता है, जैसे तालाब, झील, धान के खेत और नहरें। यह भारत सहित एशिया, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई महाद्वीपों में देखा गया है।

वाटरमील प्लांट की विशेषताएं

  • दुनिया का सबसे छोटा पौधा वाटरमील या वोल्फिया ग्लोबोसा अब खतरे में है, क्योंकि हर जगह मानवीय हस्तक्षेप बढ़ गया है।
  • इसका व्यास 0.1 से 0.2 मिलीमीटर है, लेकिन यह पर्यावरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
  • यह पौधा पानी में मौजूद विषैले तत्वों को खत्म कर उसे साफ करता है।
  • वाटरमील प्लांट पर शोध यह जांचने के लिए कि हाइपरग्रैविटी वाटरमील को कैसे प्रभावित करती है, शोधकर्ताओं ने इसके नमूनों को प्राकृतिक सूर्य के प्रकाश की नकल करने के लिए एलईडी लाइटिंग से लैस विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए बॉक्स में रखा।
  • इन बॉक्सों को एलडीसी के भीतर पृथ्वी के Gravity से 20 गुना अधिक हाइपरग्रैविटी स्थितियों के अधीन किया गया।
  • दो सप्ताह के प्रयोग के बाद, वैज्ञानिक वाटरमील पौधों की बारीकी से जांच करेंगे और ठोस पेलेट अर्क पर विस्तृत रासायनिक विश्लेषण करेंगे।

आकार में बेहद छोटा

इस पौधे का आकार इतना छोटा होता है कि एक चुटकी में सैकड़ों पौधे समा जाते हैं। आम तौर पर यह 0.5 से 1 मिमी के बीच होता है, जो इसे नंगी आंखों से देखना भी मुश्किल बना देता है। इसकी सतह पर कभी-कभी एक बारीक पीला फूल भी दिखाई देता है, जो इसे तकनीकी रूप से "फूलदार पौधा" बनाता है।

तैरता है, डूबता नहीं

वॉटरमील की सबसे दिलचस्प विशेषता है कि यह पूरी तरह पानी की सतह पर तैरता है। इसकी कोशिकाओं में हवा भरी होने से यह डूबता नहीं है। न जड़, न तना, बस एक छोटी हरी 'दाल' जैसी संरचना—यही इसका पूरा शरीर है।

पोषण से भरपूर, भविष्य का सुपरफूड?

वैज्ञानिकों ने पाया है कि वॉटरमील में प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक होती है। यही कारण है कि कई जगहों पर इसे आहार पूरक (protein-rich supplement) के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में इसे खाया भी जाता है।

पर्यावरण के लिए वरदान

यह नन्हा पौधा न केवल भोजन का विकल्प बन सकता है, बल्कि यह पानी को साफ करने, पोषक तत्वों को सोखने और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में भी मदद करता है। छोटा जरूर है, लेकिन वॉटरमील प्रकृति के अद्भुत चमत्कारों में से एक है। यह दिखने में मामूली हो सकता है, पर इसकी उपयोगिता और वैज्ञानिक महत्व असाधारण है।

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  • New Delhi

Published : 
  • 20 May 2025, 3:52 PM IST