खाने के पैकेट पर बने रंगीन निशानों का राज़: हरा, लाल, पीला, नीला और काला क्या बताते हैं? जानिए सेहत से जुड़ी अहम बातें

खाने-पीने की चीज़ों के पैकेट पर बने छोटे-छोटे रंगीन निशान केवल डिज़ाइन नहीं होते, बल्कि ये आपकी सेहत से जुड़ी बेहद जरूरी जानकारी देते हैं। जानिए हरे, लाल, नीले, पीले और काले रंग के इन चिन्हों का क्या मतलब है और क्यों अगली बार खाने का पैकेट उठाने से पहले इन्हें जरूर पढ़ना चाहिए।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 24 July 2025, 4:22 PM IST
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New Delhi: आजकल बाजार में मिलने वाले खाद्य उत्पादों की भरमार है, जिनमें से कई ऐसे होते हैं जो दिखने में आकर्षक लगते हैं, लेकिन सेहत के लिए उतने ही हानिकारक हो सकते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि पैकेज्ड फूड्स पर लगे छोटे-छोटे रंगीन निशान आखिर क्या संकेत देते हैं।

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा इन रंगीन कोड्स को अनिवार्य रूप से हर खाद्य उत्पाद पर दर्शाने के नियम बनाए गए हैं। इनका मकसद उपभोक्ताओं को जागरूक करना और उनके खाद्य चयन को सुरक्षित बनाना है।

हरा और लाल निशान

अगर किसी खाद्य पैकेट पर हरा रंग का छोटा वर्ग बना हो तो यह संकेत देता है कि वह उत्पाद पूरी तरह से शाकाहारी है। इसमें मीट, अंडा या कोई भी जानवरों से प्राप्त तत्व शामिल नहीं होता।

जबकि, लाल रंग यह बताता है कि प्रोडक्ट मांसाहारी है। यानी उसमें मीट, मछली, अंडा या अन्य नॉन-वेजिटेरियन सामग्री का उपयोग हुआ है। शाकाहारियों को इससे सतर्क रहना चाहिए।

पीला और नीला निशान

पीला निशान: यह संकेत करता है कि उत्पाद में अंडे का प्रयोग हुआ है। यह जानकारी उन लोगों के लिए अहम है जो अंडा नहीं खाते लेकिन बाकी डेयरी उत्पाद लेते हैं।

नीला निशान: यह दर्शाता है कि उत्पाद दवा या मेडिकल कैटेगरी में आता है। इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए।

काला निशान: सेहत के लिए खतरे की घंटी

काले रंग का चिन्ह पैकेट पर बना हो तो सावधान हो जाइए। इसका मतलब है कि उस उत्पाद में स्वाद, रंग और संरक्षित रखने के लिए भारी मात्रा में रासायनिक तत्व मौजूद हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि काले निशान वाले उत्पादों का नियमित सेवन पाचन, लिवर और किडनी पर बुरा असर डाल सकता है। इससे मोटापा, एलर्जी, और कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

क्या करें उपभोक्ता?

1. हर बार कोई फूड आइटम खरीदने से पहले उस पर लगे रंगीन चिन्ह जरूर पढ़ें।
2. बच्चों को दिए जाने वाले स्नैक्स में विशेष सतर्कता बरतें, क्योंकि इनमें काले चिन्ह वाले उत्पाद आम होते हैं।
3. जहां तक हो सके, काले निशान वाले उत्पादों से परहेज करें या उनका सेवन सीमित करें।
4. अपनी डाइट में प्राकृतिक, बिना प्रोसेस्ड चीजों को प्राथमिकता दें।

पैकेट पर लगे ये रंगीन चिन्ह केवल दिखावे के लिए नहीं हैं। ये आपके स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हैं। अगली बार जब भी आप बाजार से कोई खाने-पीने की चीज खरीदें, तो स्वाद और ब्रांड से पहले उसके रंगों की भाषा पढ़ना न भूलें। क्योंकि जानकारी ही सुरक्षा है और यह छोटी सी जागरूकता आपको बड़ी बीमारी से बचा सकती है।

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  • 24 July 2025, 4:22 PM IST