Bhai Dooj 2025: बहन के टीके से भाई के आशीर्वाद तक, बदल रही है रिश्तों की परिभाषा

भाई दूज 2025 पर परंपरा और आधुनिकता का खूबसूरत संगम दिख रहा है। अब भाई-बहन दूरी के बावजूद वीडियो कॉल, ई-गिफ्ट और सोशल मीडिया के जरिए त्योहार मना रहे हैं। यह पर्व रिश्तों की बदलती परिभाषा से जुड़ी नई भावनाओं का प्रतीक बन गया है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 22 October 2025, 1:40 PM IST
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New Delhi: भाई दूज, जो भाई-बहन के स्नेह और विश्वास का प्रतीक है, अब आधुनिक समय के साथ एक नया रूप ले चुका है। पहले जहाँ यह पर्व घर-परिवार तक सीमित था वहीं अब डिजिटल युग में यह दूरी मिटाने और रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का जरिया बन गया है।

वीडियो कॉल से जुड़ते दिल

आज कई भाई-बहन अलग-अलग शहरों या देशों में रहते हैं। लेकिन दूरी अब भावनाओं को कम नहीं कर पाती। बहनें वीडियो कॉल पर टीका लगाती हैं और भाई स्क्रीन के उस पार से आशीर्वाद लेते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #HappyBhaiDooj और #SiblingLove जैसे ट्रेंड्स रिश्तों की गर्मजोशी बयां कर रहे हैं।

bhai dooj 2025

भाई दूज सोशल मीडिया ट्रेंड

ऑनलाइन गिफ्टिंग का बढ़ता चलन

भाई दूज अब सिर्फ मिठाई और कपड़ों तक सीमित नहीं रहा। ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर "भाई दूज स्पेशल" गिफ्ट्स की भरमार है। ई-कॉमर्स कंपनियाँ इस मौके पर डिस्काउंट और फ्री डिलीवरी जैसे ऑफर देकर त्योहार की रौनक बढ़ा रही हैं। कई लोग अब डिजिटल गिफ्ट कार्ड और पर्सनलाइज्ड संदेशों के जरिए अपना प्यार जताते हैं।

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परंपरा वही, सोच नई

भले ही समय बदल गया हो, लेकिन पूजा और परंपरा की भावना वही है। बहनें अब भी तिलक, आरती और मिठाई के साथ भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि अब पूजा में इको-फ्रेंडली थाली, प्राकृतिक रंग और डिजिटल निमंत्रण कार्ड्स का चलन बढ़ गया है।

सोशल मीडिया बना भावनाओं का मंच

इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म अब रिश्तों की नई किताब बन गए हैं। भाई-बहन पुरानी तस्वीरें और यादें शेयर करते हैं। कई लोग अपने बचपन के किस्से और फनी मोमेंट्स पोस्ट करके इस दिन को खास बनाते हैं। यह त्योहार अब परिवारों के साथ-साथ ऑनलाइन समुदायों में भी मनाया जा रहा है।

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रिश्तों की नई परिभाषा

भाई दूज अब केवल भाई-बहन तक सीमित नहीं रहा। कई लोग अपने करीबी दोस्तों, सहकर्मियों या किसी ऐसे व्यक्ति को भी भाई का दर्जा देते हैं जो जीवन में सुरक्षा और सहयोग का प्रतीक रहा हो। यह त्योहार अब रिश्तों में अपनापन और समानता की भावना को मजबूत कर रहा है।

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  • New Delhi

Published : 
  • 22 October 2025, 1:40 PM IST