

दुर्गा महाअष्टमी 2025 इस बार 30 सितंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन महागौरी की पूजा, कन्या पूजन और हवन का विशेष महत्व है। इस दिन पूरे भारत में भक्त माता की विशेष आराधना करते हैं। कई जगह भव्य पंडाल सजाए जाते हैं, तो कई घरों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना होती है। जानें क्या करें और क्या न करें।
दुर्गा महाअष्टमी 2025
New Delhi: हिंदू धर्म में नवरात्रि का आठवां दिन, यानी महाअष्टमी, विशेष महत्व रखता है। यह दिन मां दुर्गा की महागौरी स्वरूप की पूजा को समर्पित होता है। शारदीय नवरात्रि 2025 की महाअष्टमी इस साल 30 सितंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन पूरे भारत में भक्त माता की विशेष आराधना करते हैं। कई जगह भव्य पंडाल सजाए जाते हैं, तो कई घरों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना होती है।
महाअष्टमी का दिन शक्ति की उपासना और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। माना जाता है कि इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन से सभी दुख-दर्द दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और पूजा-पाठ कर आशीर्वाद मांगते हैं। विशेष रूप से महागौरी की पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कन्या पूजन का महत्व
महाअष्टमी का एक और विशेष पहलू है अस्त्र पूजा। इस दिन देवी दुर्गा के शस्त्रों की पूजा की जाती है। इसे ‘वीर अष्टमी’ भी कहा जाता है। परंपरागत रूप से इस दिन योद्धा, किसान और यहां तक कि कलाकार भी अपने औजारों की पूजा करते हैं, ताकि उनके कार्यों में सफलता और सुरक्षा बनी रहे।
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नवरात्रि की महाअष्टमी पर जगह-जगह भक्त गरबा और डांडिया जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। मंदिरों और पंडालों में भारी भीड़ उमड़ती है। हर कोई मां से सुख, शांति और स्वास्थ्य की कामना करता है।