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मैनपुरी दौरे पर पहुंचीं साध्वी प्राची ने राम, विपक्ष और बुर्का विवाद पर तीखे बयान दिए। उन्होंने संजय सिंह और टीएमसी नेताओं पर सनातन धर्म के अपमान का आरोप लगाया। उनके बयान से सियासी हलकों में हलचल मच गई है।
मैनपुरी में गरजीं साध्वी प्राची
Mainpuri: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में आरएसएस की फायर ब्रांड नेत्री साध्वी प्राची ने एक बार फिर अपने बयानों से सियासी हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्र, विपक्षी दलों और मुस्लिम परंपराओं से जुड़े कई मुद्दों पर तीखे और विवादास्पद बयान दिए। साध्वी प्राची के बयानों में सनातन धर्म, प्रभु श्रीराम, राजनीति और राष्ट्रवाद का जोरदार मिश्रण देखने को मिला।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के कथित बयान “हराम में भी राम है” पर प्रतिक्रिया देते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि यह सनातनियों का दुर्भाग्य है कि देश में इस तरह की सड़ी-गली राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई सकारात्मक राजनीति नहीं बची है, इसलिए वह सनातन धर्म और उसके आराध्यों को निशाना बना रहा है।
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उन्होंने भावुक अंदाज में कहा कि राम केवल एक नाम नहीं, बल्कि सनातनियों के जीवन का आधार हैं। “हम सुबह उठते हैं तो जय श्रीराम कहते हैं, खेतों में काम करते हुए थक जाते हैं तब भी राम का नाम लेते हैं, दुख आता है तो भी राम का नाम लेते हैं और जब जीवन की अंतिम यात्रा होती है तो भी ‘राम नाम सत्य’ कहा जाता है। साध्वी प्राची ने कहा कि राम हमारे जीवन से जुड़े हैं, हमारी आस्था हैं।
टीएमसी विधायक मदन मित्र के राम को लेकर दिए गए बयान पर साध्वी प्राची ने बेहद कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रभु श्रीराम के नाम के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, वे मुगलों की नाजायज औलाद हैं और उन्हें राम के नाम से चिढ़ है। ऐसे लोग न राम मंदिर जाएंगे और न ही राम के नाम से जुड़ी किसी योजना को शांति से चलने देंगे।
साध्वी प्राची ने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और टीएमसी को चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग सनातनियों की आस्था पर चोट करते हैं, उनकी कुर्सी छीन ली जाएगी। उन्होंने कहा कि रावण का अंत नाभि में तीर लगने से हुआ था, वैसे ही इन नेताओं के प्राण उनकी कुर्सियों में हैं। चाहे चुनाव 2026 में हो, 2027, 2028 या 2029 में सनातनियों की आस्था से खिलवाड़ करने वालों को सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा।
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मनरेगा का नाम बदलने और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से छेड़छाड़ के सवाल पर साध्वी प्राची ने सरकार का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार जो कर रही है, वह बिल्कुल सही कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ढोल-बाजा बजाकर कराइए मनरेगा। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हालत हो गई है। सरकार का विरोध करते-करते अब विपक्ष मोदी जी का विरोध और फिर देश व राम का विरोध करने लगा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुस्लिम महिला का हिजाब हटाने के सवाल पर साध्वी प्राची ने खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं का घूंघट उठाया था, तब विपक्ष ने तालियां बजाई थीं। लेकिन नीतीश कुमार ने जब सिर्फ आंखें दिखाई तो धर्म खतरे में आ गया।