

आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। लगातार काम का दबाव, टेक्नोलॉजी का अति प्रयोग और समय की कमी से न केवल मानसिक तनाव बढ़ता है, बल्कि रिश्ते भी प्रभावित होते हैं। जानिए ऐसे आसान उपाय जिनसे आप वर्क-लाइफ बैलेंस को बेहतर बना सकते हैं।
तनाव (Img: Google)
New Delhi: बदलते दौर में काम और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन चुका है। खासकर जब काम का दबाव बढ़ता है और दिनभर की व्यस्तता में परिवार या खुद के लिए वक्त निकालना मुश्किल हो जाता है। हाल के एक सर्वे के अनुसार, 70% पेशेवरों को वर्क-लाइफ बैलेंस की कमी के कारण मानसिक तनाव, थकान और रिश्तों में दूरी का सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जीवन में संतुलन बनाना कोई असंभव काम नहीं, बस कुछ आदतों में बदलाव लाकर इसे हासिल किया जा सकता है।
वर्क-लाइफ बैलेंस का पहला नियम है समय की सही योजना। दिन की शुरुआत एक टू-डू लिस्ट के साथ करें और तय करें कि कौन सा कार्य सबसे ज़रूरी है। ऑफिस का समय ऑफिस तक सीमित रखें और घर पर ऑफिस का काम करने से बचें।
ऑनलाइन मीटिंग्स, मेल और सोशल मीडिया ने ऑफिस और निजी समय की सीमाएं मिटा दी हैं। हर दिन कुछ घंटे बिना मोबाइल या लैपटॉप के बिताना जरूरी हो गया है ताकि मानसिक शांति बनी रहे और अपने लोगों के साथ समय बिताया जा सके।
काम में व्यस्त रहने के कारण अक्सर हम अपनों को समय नहीं दे पाते। लेकिन याद रखें कि परिवार और दोस्त ही तनाव के समय सबसे बड़ा सहारा होते हैं। हर हफ्ते कुछ वक्त अपनों के लिए जरूर निकालें चाहे एक साथ खाना खाना हो या एक छोटी सी आउटिंग।
सेल्फ केयर का मतलब सिर्फ स्पा या छुट्टी नहीं, बल्कि खुद के लिए कुछ वक्त निकालना है। योग, ध्यान, पढ़ना, संगीत सुनना या वॉक ऐसी एक्टिविटीज़ मानसिक शांति देती हैं और एनर्जी बढ़ाती हैं।
हर काम और हर ज़िम्मेदारी को ओढ़ लेना भी असंतुलन की वजह बनता है। जहां ज़रूरी हो, विनम्रता से “ना” कहना सीखें। इससे आप अपने समय और ऊर्जा को बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर पाएंगे।