

बैंक में खाता खोलते समय किया गया सिग्नेचर पहचान का अहम हिस्सा होता है। लेकिन सालों बाद कई लोग अपने पुराने सिग्नेचर भूल जाते हैं या उनकी लिखावट बदल जाती है। ऐसे में बैंक ट्रांजैक्शन रोक सकता है, लेकिन खाता बंद नहीं करता। बैंक ग्राहक को सिग्नेचर अपडेट करने का अवसर देता है। जानिए, इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किन दस्तावेजों और स्टेप्स की जरूरत होती है।
बैंक का सिग्नेचर भूल जाएं तो क्या करें (Img: Google)
New Delhi: बैंक में खाता खोलते समय फॉर्म के साथ जो सिग्नेचर (दस्तखत) किया जाता है, वह आपके वित्तीय लेन-देन की पहचान बन जाता है। यह सिग्नेचर आगे चलकर चेक साइन करने, फॉर्म भरने या किसी अन्य बैंकिंग दस्तावेज में आपकी पहचान को प्रमाणित करता है। लेकिन एक आम समस्या यह है कि कई लोग वर्षों बाद उस सिग्नेचर को भूल जाते हैं या उनकी लिखावट में बदलाव आ जाता है, जिससे बैंकिंग कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है।
ट्रांजैक्शन पर लग सकती है रोक
अगर चेक या कोई जरूरी दस्तावेज पर किया गया सिग्नेचर बैंक में दर्ज पुराने सिग्नेचर से मेल नहीं खाता, तो ट्रांजैक्शन रोक दिया जाता है। बैंक के लिए यह सुरक्षा से जुड़ा महत्वपूर्ण मामला होता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना को रोका जा सके। इससे ग्राहक को असुविधा हो सकती है और कई बार पेमेंट अटक भी सकता है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे मामलों में बैंक आपका खाता सीज या बंद कर सकता है? इसका उत्तर है, नहीं। बैंक सीधे तौर पर खाता बंद नहीं करता। जब सिग्नेचर मेल नहीं खाता, तो बैंक ग्राहक को सूचित करता है और सिग्नेचर में आए अंतर की जानकारी देता है।
कैसे रजिस्टर कराएं नया सिग्नेचर?
इस स्थिति में ग्राहक को बैंक जाकर अपना नया सिग्नेचर रजिस्टर कराना होता है। इसके लिए जरूरी है कि ग्राहक अपनी पहचान के प्रमाण के तौर पर आधार कार्ड, पैन कार्ड या कोई अन्य सरकारी पहचान पत्र साथ लेकर जाए। बैंक अधिकारी उन दस्तावेजों के आधार पर ग्राहक की पहचान की पुष्टि करते हैं और सिस्टम में नया सिग्नेचर दर्ज करते हैं।
कुछ बैंक अब बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा भी दे रहे हैं, जिससे ग्राहक अपनी उंगलियों के निशान या आंखों की स्कैनिंग के जरिए पहचान सत्यापित कर सकते हैं। इसके माध्यम से ग्राहक अपने पुराने सिग्नेचर की एक प्रति देख सकते हैं ताकि उन्हें उसे याद करने में आसानी हो।
बायोमेट्रिक प्रक्रिया के लिए भी बैंक की ओर से तय नियम होते हैं, जिनका पालन जरूरी होता है। इसमें एक फॉर्म भरना, पहचान पत्र देना और सिग्नेचर अपडेट का अनुरोध करना शामिल होता है।