

झारखंड में कुड़मी समाज ने ‘रेल टेका डोहोर छेका’ आंदोलन के तहत रेलवे ट्रैक जाम कर दिया है। अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किए जाने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन पूरे राज्य में फैला हुआ है।
झारखंड में कुड़मी समाज का आंदोलन
Ranchi: झारखंड में शनिवार 20 सितंबर को कुड़मी समाज के लोगों ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में अपने समुदाय को शामिल करने की मांग को लेकर ‘रेल टेका डोहोर छेका’ नामक आंदोलन शुरू कर दिया है। इस दौरान प्रदर्शनकारी पारंपरिक परिधान में ढोल-मांदर के साथ रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिया गया।
झारखंड के गिरिडीह, चक्रधरपुर, जामताड़ा, बोकारो, हजारीबाग और सरायकेला समेत 40 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शनकारी ट्रेनें रोक रहे हैं। खासकर हजारीबाग और सरायकेला में रेलवे ट्रैक पर कुड़मी समाज के लोगों ने जमकर नारेबाजी की और रेल चक्का जाम किया।
प्रदर्शन के मद्देनजर रांची, मुरी, टाटीसिल्वे, मेसरा सहित कई प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भारी संख्या में आरपीएफ और पुलिस बल तैनात किया गया है। मुरी स्टेशन पर 500 से ज्यादा जवान सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं। इसके साथ ही कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। जिला प्रशासन ने रेलवे ट्रैक के 300 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लगाई है, लेकिन इसके बावजूद कुड़मी समाज के लोग ट्रैक से नहीं हट रहे हैं।
कुड़मी समाज का मुख्य आग्रह है कि उन्हें अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया जाए ताकि उन्हें सामाजिक-आर्थिक लाभ मिल सकें। साथ ही वे कुड़माली भाषा को भी संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
लोगों ने रेलवे ट्रैक जाम किया
आंदोलन को झारखंड में कई राजनीतिक दलों का भी समर्थन प्राप्त है, जिनमें आजसू प्रमुख है। कुड़मी समाज के नेता ओमप्रकाश महतो ने कहा कि यह लड़ाई केंद्र सरकार से है और वे सड़क मार्ग को बाधित नहीं करेंगे, केवल रेल मार्ग ही अवरुद्ध किया जाएगा।
सरायकेला खरसांवा जिले के सोनी रेलवे स्टेशन पर भी कुड़मी समाज ने हजारों की संख्या में जुटकर रेलवे ट्रैक जाम किया। यहां 350 से अधिक पुलिस और आरपीएफ जवान तैनात हैं, फिर भी प्रदर्शनकारी ट्रैक से हटने को तैयार नहीं हैं। इस कारण मालगाड़ी को रोकना पड़ा है।
कुड़मी आंदोलन के कारण झारखंड के कई प्रमुख रेलवे मार्ग प्रभावित हुए हैं। हावड़ा-दिल्ली रेल मार्ग समेत अन्य रूट्स पर ट्रेनों की आवाजाही बाधित हो गई है। यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और रेलवे प्रशासन लगातार स्थिति नियंत्रण में रखने का प्रयास कर रहा है।
जिले के कई रेलवे स्टेशनों और उनके आसपास निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद कुड़मी समाज के लोग अपने प्रदर्शन पर अड़े हुए हैं। प्रशासन ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन आंदोलन जारी है। सुरक्षा के मद्देनजर इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्कता बरती जा रही है।