क्या फिर पानी-पानी होगा पाक! पाकिस्तान में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, 2022 जैसी तबाही की आशंका

पाकिस्तान में एक बार फिर बाढ़ जैसी भयावह स्थिति बनने की आशंका जताई जा रही है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भारी बारिश और ग्लेशियरों के पिघलने से झीलों के टूटने का खतरा है। सरकार ने आपातकालीन अलर्ट जारी कर दिया है। विशेषज्ञों को डर है कि 2022 जैसी तबाही दोबारा न आ जाए, जब बाढ़ में 1,700 से अधिक लोग मारे गए थे।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 27 July 2025, 12:26 PM IST
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New Delhi: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण प्राकृतिक आपदा का खतरा गहरा गया है। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के प्रवक्ता अनवर शहजाद ने बताया कि बारिश से ग्लेशियर से बनी झीलों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और ओवरफ्लो की स्थिति बन गई है। यदि ये झीलें टूटती हैं तो उससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

ग्लोबल वॉर्मिंग से तेज़ हो रहा ग्लेशियरों का पिघलना

विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बढ़ता तापमान और जलवायु परिवर्तन इस खतरे को और बढ़ा रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में ग्लेशियर असामान्य रूप से तेज़ी से पिघल रहे हैं, जिससे इनसे बनी झीलें जलभराव से जूझ रही हैं। यह स्थिति विशेष रूप से गिलगित-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे संवेदनशील इलाकों के लिए खतरा बन चुकी है।

2022 की त्रासदी की यादें फिर से ताज़ा

गौरतलब है कि साल 2022 में पाकिस्तान में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी। उस समय देश के एक-तिहाई हिस्से में पानी भर गया था। लगभग 1,700 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि लाखों लोग बेघर हो गए थे। देश की आर्थिक हालत पहले से ही खराब थी और इस आपदा ने पाकिस्तान को मानवीय और आर्थिक रूप से बुरी तरह झकझोर दिया था।

सरकारी तैयारियों पर उठते सवाल

हालांकि सरकार की ओर से अलर्ट तो जारी कर दिया गया है, लेकिन जमीनी स्तर पर तैयारियों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने कुछ संवेदनशील इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना शुरू किया है, लेकिन संसाधनों की कमी और बुनियादी ढांचे की कमजोर हालत स्थिति को और गंभीर बना सकती है।

जलवायु विशेषज्ञों की चेतावनी

जलवायु विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि अगर पाकिस्तान ने ठोस जलवायु नीति नहीं अपनाई, तो आने वाले वर्षों में ऐसी प्राकृतिक आपदाएं और भी बार-बार देखने को मिलेंगी।
खैबर पख्तूनख्वा और उत्तरी क्षेत्रों में GLOF (Glacial Lake Outburst Flood) की घटनाएं पहले भी देखी गई हैं। लेकिन अब इनकी संख्या और तीव्रता में वृद्धि हो रही है।

GLOF क्या है और क्यों है यह खतरनाक?

GLOF यानी ग्लेशियर झील फटने की घटना एक खतरनाक प्राकृतिक आपदा होती है, जब ग्लेशियर से बनी झील अचानक टूटकर बाढ़ का रूप ले लेती है। इसका पानी पहाड़ों से नीचे बहकर पूरे गांव और शहरों को डुबो सकता है। यह कुछ ही मिनटों में तबाही ला सकता है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है।

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Published : 
  • 27 July 2025, 12:26 PM IST