‘ऑपरेशन सिंदूर’: पाकिस्तान पर भारत का अब तक का सबसे बड़ा हमला, जानिए कैसे 25 मिनट में पाक को बनाया खंडहर, पढ़िए 5 सबसे खास बातें

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान तबाह हो गया है। पाकिस्तान पर यह अटैक अभी तक का सबसे बड़ा हमला है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह खास रिपोर्ट

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 9 May 2025, 10:41 AM IST
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नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अब तक का सबसे बड़ा सैन्य जवाबी हमला माना जा रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से लेकर कब्जे वाले कश्मीर (PoK) तक फैले आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। यह कार्रवाई न केवल सामरिक दृष्टि से अभूतपूर्व रही, बल्कि इससे पाकिस्तान की ‘छद्म युद्ध’ (proxy war) नीति पर गहरा प्रहार हुआ है। 25 मिनट की अवधि में भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकानों पर हमला कर ऑपरेशन सिंदूर को एक सशस्त्र कार्रवाई का उदाहरण बना दिया।

पहली बार पाकिस्तान के पंजाब पर सीधा सैन्य हमला

1971 के युद्ध के बाद यह पहला मौका है, जब भारत ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत को सीधे सैन्य निशाना बनाया है। इस प्रांत को पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत बहावलपुर, सियालकोट और शेखपुरा में जैश-ए-मोहम्मद के साथ लश्कर-ए-तैयबा के चार प्रमुख आतंकी शिविरों पर हमला किया गया।

  1. मरकज सुभान अल्लाह कैंप (बहावलपुर)
  2. मरकज तैयबा कैंप (शेखपुरा)
  3. महमूना जोया कैंप और सरजाल कैंप (दोनों सियालकोट)
  4. बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर का गढ़ है, जहां पाकिस्तानी सेना का एक रेजिमेंटल सेंटर भी स्थित है।

लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ अब खंडहर

लाहौर के पास स्थित मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का 200 एकड़ में फैला मुख्यालय पूरी तरह तबाह कर दिया गया। यह वही केंद्र है, जहां ओसामा बिन लादेन की आर्थिक मदद से मस्जिद और गेस्टहाउस बनाए गए थे। यही जगह 26/11 के मुंबई हमलों की योजना और ट्रेनिंग का आधार थी। यहीं अजमल कसाब जैसे आतंकियों को शारीरिक और वैचारिक प्रशिक्षण दिया गया था। इस हमले से लश्कर के ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।

जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल के ट्रांजिट हब नष्ट

कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद और कोटली जिलों में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ट्रांजिट कैंप्स को भी सटीक हमलों में ध्वस्त किया गया। ये कैंप भारत में घुसपैठ और आतंकी हमलों के लिए आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने और भेजने का कार्य करते थे। इन इलाकों में मौजूद सैयदना बिलाल कैंप को विशेष रूप से निशाना बनाया गया, जो जैश का प्रमुख टेरर हब था। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक यहां से हाल ही में पहलगाम और राजौरी में हमलों की योजना बनाई गई थी। इन हमलों में पंजाब के बहावलपुर, सियालकोट, शेखपुरा, PoK के मुजफ्फराबाद, कोटली, भीमबर, बाग, गुलपुर और चक अमरू, मुरीदके शामिल ठिकाने हैं। हमलों में SCALP क्रूज मिसाइलें, हैमर स्मार्ट बम और उच्च तकनीक युक्त ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। थल, वायु और नौसेना की तीनों शाखाएं समन्वयित रूप से इस ऑपरेशन में शामिल थीं। लक्ष्य यह था कि आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त किया जाए, लेकिन पाकिस्तानी सेना को टाल दिया जाए।

80 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि

बीबीसी उर्दू के अनुसार इस हमले में 80 आतंकवादी मारे गए। जिनमें मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और चार शीर्ष सहयोगी भी शामिल हैं। यह जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर जैसे संगठनों के लिए करारा झटका है। मुजफ्फराबाद में जैश का सैयदना बिलाल कैंप पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। यह वही कैंप था जहां से आतंकवादियों को कश्मीर में घुसपैठ करवाई जाती थी और पहलगाम हमले की योजना तैयार की गई थी।

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