

भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk1A ने 17 अक्टूबर को नासिक से सफल उड़ान भरी। यह मल्टी-रोल फाइटर जेट वायुसेना को नई ताकत देगा।
स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस
New Delhi: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। देश का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk1A शुक्रवार (17 अक्टूबर) को सफलतापूर्वक उड़ान भरने में कामयाब रहा। यह उड़ान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की नासिक फैक्ट्री से पूरी की गई। इसके साथ ही HAL ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के लिए तीसरी प्रोडक्शन लाइन और HTT-40 ट्रेनर विमान की दूसरी प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन भी किया।
तेजस Mk1A को 4.5 जेनरेशन का मल्टी-रोल फाइटर जेट माना जा रहा है। यह न सिर्फ हवाई रक्षा मिशन के लिए बल्कि ग्राउंड अटैक ऑपरेशन के लिए भी सक्षम है। इस विमान में अत्याधुनिक एवियॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और रडार तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
HAL के मुताबिक, तेजस Mk1A के सभी ट्रायल पूरी तरह सफल रहे हैं और अब यह भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के लिए तैयार है।
Union Defence Minister Rajnath Singh inaugurated HAL’s third production line for the LCA Mk1A Tejas and the second for the HTT-40 aircraft in Nashik, a milestone in India’s journey towards self-reliance in defence manufacturing.
Nashik stands as a true symbol of faith, devotion,… pic.twitter.com/ChFPcVfwJD— DD News (@DDNewslive) October 17, 2025
भारतीय वायुसेना ने हाल ही में 26 सितंबर को मिग-21 विमानों को रिटायर किया था। ऐसे में तेजस Mk1A अब देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा। वायुसेना के लिए यह विमान न केवल मिग-21 का विकल्प बनेगा, बल्कि रक्षा आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा।
Air Force Day के 88 साल पूरे..जानें, हर साल 8 अक्टूबर को ही क्यों मनाया जाता भारतीय वायुसेना दिवस
तेजस Mk1A की रफ्तार 2200 किमी प्रति घंटे से अधिक है और इसे ब्रह्मोस मिसाइल समेत कई स्वदेशी हथियारों से लैस किया जाएगा।
तेजस Mk1A का सफल परीक्षण भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता और तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रमाण है। HAL के चेयरमैन ने बताया कि यह विमान “पूरी तरह से भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित” किया गया है। आने वाले वर्षों में तेजस Mk1A की सीरिज प्रोडक्शन बढ़ाई जाएगी ताकि भारतीय वायुसेना की जरूरतें पूरी की जा सकें।
भारत ने इस परियोजना के तहत न केवल अत्याधुनिक रडार और हथियार प्रणाली विकसित की है, बल्कि मेंटेनेंस और मरम्मत की लागत भी कम करने में सफलता पाई है।
तेजस Mk1A, पहले वाले तेजस संस्करण से काफी बेहतर और अधिक घातक है। इसमें डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, रडार वॉर्निंग रिसीवर और एयर-टू-एयर व एयर-टू-ग्राउंड मिसाइल सिस्टम शामिल हैं। इससे भारतीय वायुसेना को मल्टी-थ्रेट मिशन संभालने की क्षमता मिलेगी।