भारत के ‘त्रिशूल’ अभ्यास से खौफ में पाकिस्तान, सर क्रीक के पास शुरू करेगा नेवल ड्रिल; अब नेवी ने जारी की चेतावनी

भारत ने सर क्रीक इलाके में तीनों सेनाओं का संयुक्त अभ्यास ‘त्रिशूल’ शुरू कर दिया है। 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक चलने वाले इस अभ्यास में थल सेना, नौसेना और वायुसेना एक साथ युद्धाभ्यास कर रही हैं। भारत की इस सैन्य तैयारी से पाकिस्तान भी सतर्क हो गया है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 2 November 2025, 1:17 PM IST
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Islamabad: भारत ने पाकिस्तान सीमा के पास स्थित सर क्रीक इलाके में तीनों सेनाओं के संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ (Trishul Exercise) की शुरुआत की है। यह अभ्यास 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक चलेगा और इसे देश के अब तक के सबसे बड़े ट्राई-सर्विस एक्सरसाइज के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान थल सेना, नौसेना और वायुसेना एक साथ ऑपरेशनल स्तर पर युद्ध रणनीतियों का परीक्षण कर रही हैं।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस अभ्यास का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और संयुक्त ऑपरेशन की क्षमता को बढ़ाना है। यह अभ्यास आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) की दिशा में एक अहम कदम है, जिसमें स्वदेशी तकनीक और हथियार प्रणालियों की क्षमता को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। यह सैन्य अभ्यास सौराष्ट्र तट, अरब सागर के तटीय इलाकों और पश्चिमी रेगिस्तानी क्षेत्र में एक साथ चल रहा है, जिससे यह जमीन, हवा और समुद्र तीनों मोर्चों पर भारत की तैयारी को दिखाता है।

पाकिस्तान भी हुआ सक्रिय

भारत के ‘त्रिशूल’ अभियान की घोषणा के तुरंत बाद पाकिस्तान ने भी सक्रियता दिखाई। उसने अपने हवाई क्षेत्र के लिए दो बार NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया है। पाकिस्तान ने 28 और 29 अक्टूबर के बीच कुछ हवाई मार्गों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया और फिर 30 नवंबर तक के लिए हवाई क्षेत्र में प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।

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रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम भारत के ‘त्रिशूल’ अभ्यास की प्रतिक्रिया के तौर पर है। कुछ विशेषज्ञों ने यह भी आशंका जताई है कि पाकिस्तान किसी मिसाइल परीक्षण या नौसैनिक अभ्यास की तैयारी में हो सकता है।

28,000 फीट तक आरक्षित हवाई क्षेत्र

ओपन सोर्स इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से जानकारी दी है कि भारत ने इस युद्धाभ्यास के लिए 28,000 फीट तक का हवाई क्षेत्र आरक्षित किया है। यह संकेत देता है कि भारत इस दौरान अपने लॉन्ग-रेंज और हाइपरसोनिक हथियारों का परीक्षण कर सकता है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद नई रणनीति

हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मिली सफलता के बाद भारत ने अब ‘त्रिशूल’ के जरिए अपनी सामरिक तैयारी को और मजबूत किया है। सर क्रीक का इलाका पहले से ही रणनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि यह भारत-पाक सीमा के करीब है और नौसैनिक निगरानी के लिहाज से बेहद अहम है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के संयुक्त अभ्यास भारत की रक्षा तैयारियों को नई दिशा देते हैं और तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल बनाते हैं। इसके अलावा यह भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को भी मजबूती प्रदान करता है।

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  • Islamabad

Published : 
  • 2 November 2025, 1:17 PM IST