

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H1-B वीजा आदेश के बाद अमेरिका में हड़कंप मचा। फीस बढ़ी, लेकिन केवल नए आवेदनों पर लागू, पुराने वीजा धारक इससे मुक्त।
H1-B वीजा से जुड़े नए आदेश
Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में H1-B वीजा से जुड़े नए आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसने अमेरिका और दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया। इस आदेश के तहत H1-B वीजा की फीस 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 90 लाख रुपये) तय की गई। यह घोषणा अमेरिकी टेक कंपनियों और विदेशी पेशेवरों के लिए चिंताजनक रही।
हालांकि, व्हाइट हाउस और अमेरिकी अधिकारियों ने आदेश की व्याख्या करते हुए स्पष्ट किया कि यह फीस केवल नए H1-B वीजा आवेदनों पर लागू होगी और यह वार्षिक शुल्क नहीं है। प्रेस सचिव कैरोलिन लैविट ने बताया कि पहले से H1-B वीजा प्राप्त कर चुके लोग या जो इस समय अमेरिका में हैं, उनके लिए यह नया शुल्क लागू नहीं होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति का नया आदेश 21 सितंबर, 2025 की रात 12 बजे से लागू हो गया। नए नियमों के लागू होते ही अमेरिकी टेक कंपनियों में हलचल मची। अमेजन, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों ने अपने H1-B वीजा धारक कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे तुरंत अमेरिका लौट आएं। आदेश के अनुसार, अब केवल नए आवेदन करने वाले विदेशी पेशेवरों को 1,00,000 डॉलर की वन टाइम फीस अदा करनी होगी।
H1-B वीजा से जुड़े नए आदेश
अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियों में H1-B वीजा धारक कर्मचारियों की संख्या काफी ज्यादा है। अमेजन में 10,044, टीसीएस में 5,505, माइक्रोसॉफ्ट में 5,189 और मेटा में 5,123 H1-B वीजा कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके अलावा, एपल, गूगल, जेपी मॉर्गन, वॉलमार्ट और डेलॉइट जैसी कंपनियों में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी इस वीजा पर काम कर रहे हैं।
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कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को आदेश के तुरंत बाद ईमेल और नोटिस जारी कर अमेरिका लौटने का आग्रह किया। हालांकि, व्हाइट हाउस ने आश्वस्त किया कि पुराने H1-B धारक या वर्तमान में अमेरिका में मौजूद लोग इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे और वे देश में प्रवेश और बाहर जाने में स्वतंत्र हैं।
H1-B वीजा उच्च-कौशल वाली नौकरियों के लिए अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को अमेरिका लाने की अनुमति देता है। यह वीजा आम तौर पर IT, हेल्थकेयर, आर्किटेक्चर और अन्य विशेषज्ञ क्षेत्रों में काम करने वाले पेशेवरों के लिए जारी किया जाता है। इसके माध्यम से कंपनियां विदेशी प्रतिभा को अमेरिका में लाकर तकनीकी विकास और नवाचार को बढ़ावा देती हैं।
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नैस्कॉम ने अपनी सदस्य कंपनियों से आग्रह किया है कि जो H1-B धारक इस समय अमेरिका से बाहर हैं, उन्हें तुरंत वापस लाया जाए। नैस्कॉम का कहना है कि यह कदम तकनीकी उद्योग और अमेरिकी नवाचार को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने सरकार से और अधिक विचार-विमर्श करने का सुझाव भी दिया।