

चीन ने अपनी वीजा नीति में बड़ा बदलाव करते हुए 75 देशों के नागरिकों को वीजा फ्री प्रवेश की सुविधा दी है। यह कदम चीन की अर्थव्यवस्था और पर्यटन क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स-गूगल)
New Delhi: चीन ने अपने देश में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपनी वीजा नीति में ऐतिहासिक ढील दी है। अब कुल 75 देशों के नागरिक बिना वीजा के 30 दिनों तक चीन की यात्रा कर सकेंगे। यह फैसला न केवल चीन की आर्थिक गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से लिया गया है, बल्कि इससे उसकी सॉफ्ट पावर और वैश्विक छवि को मजबूत करने की रणनीति भी झलकती है।
विदेशी पर्यटक बिना वीजा के
चीन के नेशनल इमिग्रेशन एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार वर्ष 2024 में 2 करोड़ से अधिक विदेशी पर्यटक बिना वीजा के चीन पहुंचे। यह आंकड़ा 2023 की तुलना में दोगुना है, जब केवल 1.38 करोड़ पर्यटक आए थे। इन विदेशी आगंतुकों ने चीन के पर्यटन, होटल, रेस्टोरेंट और खुदरा क्षेत्रों में नई जान फूंकी।
अंतरराष्ट्रीय दरवाजे पर्यटकों के लिए फिर से खोले
कोविड-19 महामारी के बाद चीन ने वर्ष 2023 में अपने अंतरराष्ट्रीय दरवाजे पर्यटकों के लिए फिर से खोले, लेकिन उस वर्ष के आंकड़े 2019 में आए 3.19 करोड़ पर्यटकों के मुकाबले काफी कम थे। इसी अंतर को कम करने और पर्यटन को वापस उसी ऊंचाई पर लाने के लिए चीन ने यह वीजा नीति बदलाव किया है।
कई देशों को वीजा फ्री सुविधा
नई वीजा नीति के अंतर्गत अब यूरोप, लैटिन अमेरिका, मिडिल ईस्ट और एशिया के कई देशों को वीजा फ्री सुविधा दी गई है। वर्ष 2023 के अंत में फ्रांस, जर्मनी, इटली जैसे यूरोपीय देशों को यह सुविधा दी गई थी। अब 16 जुलाई 2025 से अजरबैजान को भी इस सूची में शामिल किया जा रहा है, जिससे कुल वीजा फ्री देशों की संख्या 75 हो जाएगी।
हालांकि, यह ध्यान देने वाली बात है कि इन देशों को दी गई वीजा छूट एक साल के ट्रायल आधार पर लागू की गई है। चीन के अधिकारी इसके परिणामों के आधार पर नीति की समीक्षा करेंगे।
रणनीतिक संबंधों को महत्व
विवाद का विषय यह है कि अभी तक इस सूची में किसी भी प्रमुख अफ्रीकी देश को शामिल नहीं किया गया है। जबकि चीन, अफ्रीका के कई देशों के साथ व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों को महत्व देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि चीन को सच्चे वैश्विक पर्यटन हब के रूप में उभरना है, तो उसे अफ्रीकी महाद्वीप को भी अपनी वीजा नीति में प्राथमिकता देनी होगी।